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शिमला: बीजेपी पार्षदों ने पानी को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

हालांकि राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के सामने दावा किया है कि अब वह समय सारिणी बनाकर शिमला के विभिन्न क्षेत्रों को प्रतिदिन पानी दे रही है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी की आपूर्ति का शेड्यूल बनने के बावजूद भी कई क्षेत्रों में पानी नहीं दिया जा रहा है.

धरने पर बैठे भारतीय जनता पार्टी के पार्षद धरने पर बैठे भारतीय जनता पार्टी के पार्षद
मनजीत सहगल/सना जैदी
  • चंडीगढ़,
  • 01 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:01 AM IST

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पानी की समस्या इतनी विकट हो गई है कि सत्तारूढ़ बीजेपी के नेता और नगर निगम के पार्षद भी प्रदर्शन करने पर मजबूर हो गए हैं. बता दें कि राज्य सरकार और शिमला नगर निगम दोनों पर भारतीय जनता पार्टी काबिज़ है.

हालांकि राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के सामने दावा किया है कि अब वह समय सारिणी बनाकर शिमला के विभिन्न क्षेत्रों को प्रतिदिन पानी दे रही है, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि पानी की आपूर्ति का शेड्यूल बनने के बावजूद भी कई क्षेत्रों में पानी नहीं दिया जा रहा है.

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पानी के लिए गुरुवार को किए गए प्रदर्शन में इंजन घर वार्ड की पार्षद आरती चौहान और ढली वार्ड की पार्षद कमलेश मेहता ने वीरवार को नगर निगम के बाहर धरना दिया. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि उनके वार्डों में भी पानी की आपूर्ति की जाए. इन दोनों बीजेपी पार्षदों ने तब तक अपना धरना प्रदर्शन खत्म नहीं किया जब तक उप मेयर राकेश शर्मा ने उनको पानी की आपूर्ति देने का आश्वासन नहीं दिया.

शिमला के बेनमोर वार्ड के निवासियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आवास के बाहर धरना दिया और पानी की आपूर्ति सुचारू बनाने की मांग की. प्रदर्शन करने वाले लोगों के साथ भारतीय जनता पार्टी की पार्षद किमी सूद भी दिखाई दीं. भाजपा पार्षद का आरोप है कि उनका खुद का घर मुख्यमंत्री आवास के करीब है लेकिन वहां भी पानी नहीं दिया जा रहा.

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सूत्रों की मानें तो शिमला में पानी के लिए मची हाहाकार के लिए पानी का कुप्रबंधन जिम्मेदार है. पानी की इतनी किल्लत होने के बावजूद भी शहर में कई जगहों पर खराब पाइपों से पानी बेकार बह रहा है.

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