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सीएम सुक्खू हिमाचल संकट पर आज हाईकमान से मिलेंगे, बगावत पर रखेंगे अपना पक्ष, बागियों से बातचीत के फिर दिए संकेत

कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में अपना घर दुरुस्त करने की कोशिशें तेज कर दी हैं और बागी नेताओं के साथ बातचीत की कोशिशें तेज कर दी हैं. पिछले हफ्ते ही कांग्रेस के छह विधायक बागी हो गए थे और राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग कर सरकार पर संकट बढ़ा दिया था.

हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आज पार्टी हाईकमान से मुलाकात करेंगे. हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आज पार्टी हाईकमान से मुलाकात करेंगे.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

हिमाचल प्रदेश में सियासी उठापटक और विधायकों की नाराजगी के मामले में कांग्रेस हाईकमान सुलह का रास्ता खोज रहा है. यही वजह है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को दिल्ली बुलाया गया है. वे आज यहां पार्टी हाईकमान से मुलाकात करेंगे और राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा करेंगे. पार्टी ने बागी विधायकों से बातचीत के साफ संकेत दिए हैं. माना जा रहा है कि पार्टी जल्द ही बागी विधायकों की मांगों पर फैसला लेगी.

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बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पिछले सप्ताह कांग्रेस में बगावत देखने को मिली थी. पार्टी के छह विधायक बागी हो गए थे और राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर दी थी, जिससे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई थी. क्रॉस वोटिंग के बाद पंचकूला स्थित एक होटल में चले गए थे. बाद में स्पीकर ने व्हिप का उल्लंघन करने पर 6 विधायकों सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो की सदस्यता रद्द कर दी थी.

सियासी संकट बढ़ने पर पार्टी ने सीनियर नेताओं को ऑब्जर्वर बनाकर हिमाचल प्रदेश भेजा था और सीएम समेत बागी पक्ष से बात की थी. इसकी रिपोर्ट हाईकमान को भेजी गई थी. अब संकट से बाहर निकलने के लिए पार्टी बातचीत के रास्ते पर आगे बढ़ रही है.

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'बातचीत के जरिए संकट टाल रही कांग्रेस सरकार'

इससे पहले सीएम सुक्खू ने कांग्रेस के बागियों के प्रति नरम रुख दिखाया था और केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था. सुक्खू का कहना था कि राज्य में हमारी सरकार को अस्थिर करने के लिए बीजेपी ने आधिकारिक मशीनरी का इस्तेमाल किया है. उन्होंने यह आरोप राज्य कैबिनेट की बैठक में लगाया था. बैठक से बाहर निकलते हुए सुक्खू ने 'सुबह का भूला' कहावत का जिक्र किया और बातचीत के जरिए संकट को हल करने का दावा किया. उन्होंने कहा, सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते हैं. आगे बातचीत का रास्ता निकलता है तो देखा जाएगा. इससे पहले सीएम सुक्खू ने दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मंत्रणा की थी.

'बीजेपी पर लगाया मशीनरी के दुरपयोग का आरोप'

एक बयान में कहा गया, राज्य कैबिनेट की बैठक में सीएम ने केंद्र द्वारा 'लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए आधिकारिक मशीनरी के इस्तेमाल और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खत्म करने की कोशिश करने के मंसूबों' की निंदा की है. बयान में कहा गया है कि कैबिनेट ने राज्य के लोगों को 'सच्चाई' बताने का संकल्प लिया और एक स्वर में कहा कि राज्य सरकार पांच साल का पूरा कार्यकाल पूरा करेगी.

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'अब सीएम के रुख में अचानक आई नरमी'

कुछ दिन पहले सुक्खू ने सोलन में एक सार्वजनिक बैठक में छह बागी नेताओं को 'काला नाग' कहा था. उन्होंने बुधवार को कहा था, मैंने कभी नहीं सोचा था कि जिले (उनके अपने गृह क्षेत्र हमीरपुर) के कुछ विधायक पार्टी के खिलाफ जाएंगे और जिले में विकास की गति में बाधा डालेंगे. अब मुख्यमंत्री के रुख में अचानक नरमी आई है और बातचीत की गुंजाइश का संकेत दिया है.

'शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं विक्रमादित्य सिंह'

बताते चलें कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बागियों और शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत में मध्यस्थता की है. बुधवार को जब विक्रमादित्य सिंह से बागियों की वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'राजनीति में सब कुछ संभव है और राजनीति में सभी दरवाजे खुले हैं.' इससे पहले सिंह ने पंचकुला में बागी विधायकों से बातचीत के बाद नई दिल्ली में प्रियंका गांधी समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की थी और बातचीत की थी. उन्होंने शिमला में कहा, मुझे आधिकारिक तौर पर बागियों से मिलने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और मैंने अपना कर्तव्य निभाया है. सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व ने इस सप्ताह के अंत में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात की है.

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बागी नेताओं के नहीं बदले सुर?

इधर, कांग्रेस ने बागी नेता सुधीर शर्मा को AICC सचिव के पद से भी हटा दिया है. शर्मा धर्मशाला के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश की सरकार में मंत्री भी रहे हैं. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शर्मा को तत्काल प्रभाव से सचिव पद से हटा दिया है. वहीं, शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था. चिंता मिटी, चाहत गई, मनवा बेपरवाह, जिसको कछु नहीं चाहिए, वो ही शहंशाह. एक अन्य पोस्ट में उन्होंने भगवद गीता का हवाला दिया, जिसका भावार्थ है- अन्याय सहना उतना ही अपराध है, जितना अन्याय करना. अन्याय से लड़ना आपका कर्तव्य है. उन्होंने यह भी कहा कि वो हिमाचल प्रदेश और यहां के लोगों के प्रति समर्पित रहेंगे.

'राजिंदर राणा ने भी छोड़ा पद'

पार्टी के वरिष्ठ विधायक राजिंदर राणा ने भी हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा की है. राणा ने खड़गे को लिखे अपने त्याग पत्र में कहा, मैं तत्काल प्रभाव से HPCC के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं. उन्होंने कहा, हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के लिए हाथ जोड़कर सुजानपुर से शिमला और शिमला से दिल्ली तक दौड़ने से कोई नतीजा नहीं निकला. मैंने न्याय की उम्मीद की थी, लेकिन सिर्फ अपमान मिला.

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'विवाद सुलझाने में लगा है हाईकमान'

सूत्रों ने बताया कि खड़गे और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और केसी वेणुगोपाल हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ विधायकों और नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस के पास वर्तमान में 34 विधायक हैं. जबकि बीजेपी के पास 25 विधायक हैं और तीन निर्दलीय विधायक हैं जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का साथ दिया था. इस बीच कांग्रेस के छह बागी विधायकों ने अपनी अयोग्यता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

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