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हिमाचलः विधानसभा चुनाव की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का इस्तीफा, कही ये बात

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए गठित संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. आनंद शर्मा ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि परामर्श प्रक्रिया में उनकी उपेक्षा की गई है. वह अपने स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना जारी रखेंगे.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा (फाइल फोटो) कांग्रेस नेता आनंद शर्मा (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

हिमाचल प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ही हलचल शुरू हो गई है. लिहाजा कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए गठित संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वह कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार में शामिल होंगे.

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जानकारी के मुताबिक आनंद शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि उनका स्वाभिमान नॉन निगोशिएबल है. वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. आनंद शर्मा के इस्तीफे से पहले G-23 समूह के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी जम्मू-कश्मीर में अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में कहा कि परामर्श प्रक्रिया में उनकी उपेक्षा की गई है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह राज्य में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना जारी रखेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को 26 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में संचालन समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. लेकिन उनके इस्तीफे से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, क्योंकिइससे पहले गुलाम नबी आजाद ने भी जम्मू-कश्मीर में अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था.

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दरअसल, आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद दोनों G-23 समूह के नेता हैं, जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों के आलोचक रहे हैं. वहीं, भूपिंदर सिंह हुड्डा और मनीष तिवारी सहित प्रमुख दिग्गजों का समूह भी ब्लॉक से लेकर सीडब्ल्यूसी स्तर तक वास्तविक चुनावों पर जोर देता रहा है. 

आनंद शर्मा को हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े नेताओं में से एक माना जाता है, उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उन्हें पार्टी की किसी भी बैठक के लिए न तो आमंत्रित किया गया, न ही उनका परामर्श लिया गया. आनंद शर्मा ने कहा कि वह अपने स्वाभिमान के साथ कोई भी समझौता नहीं कर सकते.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने पहली बार 1982 में विधानसभा चुनाव लड़ा था और 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया था, तब से वह राज्यसभा के सदस्य हैं और पार्टी में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं.

दरअसल, इस साल के अंत में हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन चुनावों से पहले सभी पार्टियां अपना पूरा दमखम लगा रही है.

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