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'ये अवैध निर्माण का मामला, हिंदू-मुस्लिम का नहीं', मस्जिद विवाद पर 'दंगल' में बोले हिमाचल के मंत्री

विधानसभा में अवैध निर्माण पर सवाल उठाने वाले हिमाचल सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा, 'मामला सिर्फ अवैध निर्माण का है. विभिन्न संगठन जो अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं वो इसे हिंदू-मुसलमान का रंग दे रहे हैं. 2010 से अवैध निर्माण शुरू हुआ था. कई बार नोटिस भेजने के बावजूद वो लोग रुक नहीं रहे हैं. सबसे बड़ी गलती अधिकारियों की है.'

 'दंगल' में हिमाचल सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह मामला अवैध निर्माण का है 'दंगल' में हिमाचल सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह मामला अवैध निर्माण का है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:40 PM IST

आजतक के खास शो 'दंगल' में गुरुवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में एक अवैध निर्माण के मुद्दे को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने वाले मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि ये मामला सिर्फ अवैध निर्माण का है, सियासी रोटियां सेंकने वाले इसे हिंदू-मुस्लिम का रंग दे रहे हैं.' 

'ओवैसी देश के नेता नहीं हैं'

विधानसभा में अवैध निर्माण पर सवाल उठाने वाले हिमाचल सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा, 'मामला सिर्फ अवैध निर्माण का है. विभिन्न संगठन जो अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं वो इसे हिंदू-मुसलमान का रंग दे रहे हैं. 2010 से अवैध निर्माण शुरू हुआ था. कई बार नोटिस भेजने के बावजूद वो लोग रुक नहीं रहे हैं. सबसे बड़ी गलती अधिकारियों की है.'

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उन्होंने कहा, 'ये कार्रवाई जल्द से जल्द होनी चाहिए. ये जमीन हिमाचल प्रदेश सरकार की है. 14 साल से केस चल रहा है, 44 सुनवाइयां हो चुकी हैं. हमारा मानना है कि इस पर फैसला जल्द आना चाहिए.' ओवैसी के बयान पर अनिरुद्ध सिंह ने कहा, 'वो हमारे बुजुर्ग हैं लेकिन वो सिर्फ एक समुदाय के नेता हैं. वो पूरे देश के या किसी सेक्युलर पार्टी के नेता नहीं हैं. वो समुदाय के नाम पर सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं.'

बीजेपी ने कहा- कार्रवाई के लिए एक दिन भी काफी है

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से पूछा गया कि आरोप लग रहे हैं कि बीजेपी इस मुद्दो को हिंदू-मुस्लिम रंग देने की कोशिश कर रही है. जवाब में उन्होंने कहा, 'ऐसा कुछ भी नहीं है. ये मामला एक अलग तरह से सामने आया. एक विवाद हुआ जिसमें जो लोग शामिल थे वो शरण लेने के लिए एक मस्जिद में गए. मालूम पड़ा कि मस्जिद में गलत लोगों को शरण देने की बात बहुत पहले से सामने आ रही थी. 2010 में इस सिलसिले में शिमला कॉर्पोरेशन में मामला दर्ज हुआ था. ये निर्माण 2018 से पहले पूरा हो गया था. हमारी सरकार 2018 के बाद आई है.'

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जयराम ठाकुर ने कहा, 'ये फैक्ट्स पहले छुपाए गए या ध्यान में नहीं आए पाए लेकिन अब प्रदेश सरकार के मंत्री ने ही कहा है कि इस बिल्डिंग का निर्माण अवैध निर्माण है. एक दर्जी बरसों पहले आया था. उसने वहां अपनी दुकान चलानी शुरू की. बाद में कुछ और लोगों को लेकर आया. फिर कुछ और निर्माण शुरू हुआ, धीरे-धीरे वहां पर स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया जो आज चार मंजिला भवन बन चुका है.'   

उन्होंने कहा, 'अगर मस्जिद अवैध निर्माण है तो उस पर कार्रवाई होनी ही चाहिए. इसमें देरी नहीं करनी चाहिए, तुरंत करना चाहिए. यही लोगों की मांग है. सरकार अगर इस पर कार्रवाई करना चाहे तो एक दिन भी पर्याप्त है. सारे फैक्ट्स सामने हैं. एक दिन में कार्रवाई की जा सकती है.'

मौलवी ने कहा- मस्जिद 1947 से पहले की है

मस्जिद के मौलवी ने आजतक से बात करते हुए कहा, 'ये मस्जिद 1947 से पहले की है. तब ये छोटी थी. इसका मामला कोर्ट में चल रहा है.' अवैध निर्माण के सवाल पर उन्होंने कहा, 'ये मामला कोर्ट में है, इसमें मैं क्या कह सकता हूं.' मौलवी ने बताया, '9 साल से इसमें कोई काम नहीं हुआ है. 2007 में काम शुरू हुआ है. इसके निर्माण से लेकर सारे मामले वक्फ बोर्ड देख रहा है.'

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विधानसभा में अनिरुद्ध सिंह ने उठाए सवाल

हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में मस्जिद निर्माण के मुद्दे पर कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, 'संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है. चोरियां हो रही हैं, लव जिहाद जैसी घटनाएं हो रही हैं, जो प्रदेश और देश के लिए खतरनाक हैं. मस्जिद का अवैध निर्माण हुआ है. पहले एक मंजिल बनाई, फिर बिना परमिशन के बाकी मंजिलें बनाई गईं. 5 मंजिल की मस्जिद बना दी गई है. प्रशासन से यह सवाल है कि मस्जिद के अवैध निर्माण का बिजली-पानी क्यों नहीं काटा गया?'

'हिंसा के पीछे बाहरी तत्वों का हाथ'

उन्होंने कहा कि संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि वहां होने वाली अभद्र टिप्पणियों का वे स्वयं गवाह हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ड्रग्स और चोरी जैसी आपराधिक गतिविधियां बढ़ रही हैं, साथ ही 'लव जिहाद' का मुद्दा भी उठाया, जिसे उन्होंने देश और प्रदेश के लिए एक गंभीर खतरा बताया. सिंह ने कहा कि क्षेत्र में हो रहे झगड़ों और हिंसा के पीछे स्थानीय लोगों का हाथ नहीं है, बल्कि यह बाहरी तत्वों द्वारा शुरू किया गया है, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने प्रतिक्रिया दी हैं.

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उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि प्रदेश में काम करने के लिए आने वाले व्यक्तियों का सही तरीके से सत्यापन किया जाना चाहिए. सिंह ने जोर देकर कहा कि केवल हिमाचली बोनाफाइड नागरिकों को ही तहबाजारी का लाइसेंस दिया जाना चाहिए. विपक्ष ने भी इस मामले में अनिरुद्ध सिंह का समर्थन किया, जिससे सरकार पर इस मामले में उचित कार्रवाई का दबाव और बढ़ गया है.

यहां देखें आजतक का खास शो 'दंगल'

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