Advertisement

डलहौजी में 20 दिन से अंधेरा, पर्यटन और जन-जीवन प्रभावित, ये है वजह

हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में 20 दिनों से स्ट्रीट लाइट बंद होने के कारण अंधेरा पसरा है. नगर परिषद द्वारा 6 करोड़ रुपये का बिजली बिल न चुकाने पर विद्युत विभाग ने लाइट काट दी है. अंधेरे से पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हो रहा है, जबकि जंगली जानवरों के डर से लोग घरों में बंद हैं.

डलहौजी में बिजली संकट! डलहौजी में बिजली संकट!
विशाल आनंद
  • चंबा,
  • 16 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:57 PM IST

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित डलहौजी को "मिनी स्विट्ज़रलैंड" और "पहाड़ों की रानी" कहा जाता है. ये शहर पिछले 20 दिनों से अंधेरे में डूबा हुआ है. नगर परिषद डलहौजी द्वारा बिजली विभाग का स्ट्रीट लाइट बिल न चुकाने के कारण बिजली बोर्ड ने सभी स्ट्रीट लाइटों का कनेक्शन काट दिया है. इससे पर्यटन और जनजीवन प्रभावित है. 

डलहौजी, जिसका इतिहास 1854 में अंग्रेजों द्वारा बसने और सुभाषचंद्र बोस, रवींद्र नाथ टैगोर और जवाहरलाल नेहरू जैसी हस्तियों से जुड़ा हुआ है. इस समय पर्यटन के विंटर सीजन में अंधकार की समस्या झेल रहा है. शाम ढलते ही अंधेरा छाने से स्थानीय व्यापार और पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. आगामी क्रिसमस और नववर्ष के उत्सव के मद्देनजर होटल एसोसिएशन, टैक्सी यूनियन और व्यापार मंडल ने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है.

Advertisement

ये भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश में बड़ा हादसा, कार्बन मोनोऑक्साइड की वजह से दम घुटने से 3 मजदूरों की मौत

समस्या की जड़ और पर्यावरणीय और सुरक्षा चिंताएं

दरअसल, नगर परिषद पर स्ट्रीट लाइटों के बिजली बिल का करीब 6 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. भुगतान न होने से विद्युत विभाग ने स्ट्रीट लाइट की बिजली काट दी, जिससे स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. अंधेरे के कारण जंगली जानवरों, जैसे भालुओं, का खतरा बढ़ गया है. इससे स्थानीय लोग शाम होते ही घरों में बंद रहने को मजबूर हैं.

जनाक्रोश और सोशल मीडिया पर विरोध

इसको लेकर स्थानीय लोग सोशल मीडिया पर नगर परिषद के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. वहीं, सड़कों पर उतरने और प्रदर्शन की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. डलहौजी जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर यह समस्या न केवल स्थानीय जनजीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि राज्य के पर्यटन व्यवसाय पर भी नकारात्मक असर डाल रही है.

रिपोर्ट- विशाल आनंद.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement