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हिमाचल उपचुनाव में कांग्रेस ने की 'वापसी', गुटबाजी से बीजेपी को कैसे हुआ नुकसान?

भाजपा नालागढ़ चुनाव हार गई क्योंकि पार्टी के असंतुष्ट हरप्रीत सैनी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और उन्हें 13,025 वोट मिले. कांग्रेस उम्मीदवार हरदीप सिंह बाव ने भाजपा के उम्मीदवार केएल ठाकुर के खिलाफ 8,990 वोटों के अंतर से चुनाव जीता, जिन्हें 25,618 वोट मिले थे. अगर भाजपा ने असंतोष को दबा दिया होता तो पार्टी यह सीट आसानी से जीत सकती थी.

देहरा सीट से सीएम सुक्खू की पत्नी जीतीं देहरा सीट से सीएम सुक्खू की पत्नी जीतीं
मनजीत सहगल
  • शिमला,
  • 13 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST

हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने बुधवार को तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में से दो में जीत हासिल की है. दिलचस्प बात यह है कि भाजपा के भीतर गुटबाजी ने भी कांग्रेस को देहरा और नालागढ़ उपचुनाव जीतने में काफी मदद की.

भाजपा नालागढ़ चुनाव हार गई क्योंकि पार्टी के असंतुष्ट हरप्रीत सैनी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और उन्हें 13,025 वोट मिले. कांग्रेस उम्मीदवार हरदीप सिंह बाव ने भाजपा के उम्मीदवार केएल ठाकुर के खिलाफ 8,990 वोटों के अंतर से चुनाव जीता, जिन्हें 25,618 वोट मिले थे. अगर भाजपा ने असंतोष को दबा दिया होता तो पार्टी यह सीट आसानी से जीत सकती थी.

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एक महीने पुराने होशियार सिंह को दिया टिकट

विशेष रूप से, पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश चंद धवाला भी देहरा से होशियार सिंह को मैदान में उतारने के पार्टी के फैसले से खुश नहीं थे, जो चुनाव से एक महीने पहले पार्टी में शामिल हुए थे. पार्टी ने धवाला सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं की अनदेखी की और एक ऐसे नेता को टिकट दे दिया, जिसकी सदस्यता सिर्फ एक महीने पुरानी थी. धवाला ने खुलेआम कहा था, ''मेमने के भेष में भेड़िए' को सबक सिखाया जाएगा.'

सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर ने जीता चुनाव

देहरा में सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर की जीत का एक कारण भाजपा के भीतर गुटबाजी भी थी. इसके अलावा वह मुख्यमंत्री की पत्नी हैं और वह जगह उनका मायका है. मतदाताओं से कमलेश ठाकुर की भावनात्मक अपील भी काम आई और उसका असर हुआ.

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उन्होंने आशीर्वाद के तौर पर वोट मांगे और स्थानीय लोगों से कहा कि वह उनकी बेटी हैं. सीएम की पत्नी ने चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय लोगों से कई वादे किए हैं और कहा है कि वह उनके काम निपटाने के लिए सचिवालय नहीं बल्कि अपने घर पर ही जाएंगी.
 
जनता ने दिया सत्तारूढ़ कांग्रेस का साथ

दूसरे शब्दों में नालागढ़ और देहरा निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाताओं ने सत्तारूढ़ कांग्रेस को प्राथमिकता दी, जिसकी सरकार का 41 महीने का कार्यकाल बचा है. हालांकि, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के जोरदार प्रचार के बावजूद कांग्रेस हमीरपुर सीट नहीं जीत सकी जबकि हमीरपुर उनका गृह जिला भी है. उपचुनाव के नतीजे पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के लिए झटका साबित हुए हैं जिन्होंने प्रचार के दौरान दावा किया था कि चुनाव के नतीजे हिमाचल की राजनीति को हिला देंगे. 

उल्टा पड़ गया ऑपरेशन लोटस का असर

ऑपरेशन लोटस का उल्टा असर हुआ और कांग्रेस और अधिक मजबूत हो गई. फरवरी में पार्टी के 40 विधायक थे, जिनमें से छह पार्टी विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग की थी. पार्टी के छह विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने से पार्टी की ताकत घटकर 34 हो गई. हालांकि, नौ सीटों पर उपचुनावों से कांग्रेस खोई हुई संख्या वापस हासिल कर ली है. सीएम सुक्खू ने पार्टी आलाकमान और पार्टी के भीतर अपने विरोधियों को कड़ा संकेत भेजा है कि वह पार्टी को संकट से बाहर निकाल सकते हैं.

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