
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले पंजाब के एक नेता ने खालिस्तान के समर्थन में ट्वीट कर नया विवाद खड़ा कर दिया है. दरअसल, खुद को हिमाचल प्रदेश में आप का सोशल मीडिया इंचार्ज बताने वाले हरप्रीत सिंह बेदी ने ट्विटर पर खालिस्तान के समर्थन में एक के बाद एक कई ट्वीट किए. इतना ही नहीं उन्होंने खालिस्तान की मांग करने को संवैधानिक अधिकार भी बताया.
हरप्रीत सिंह बेदी ने ट्वीट कर कहा, खालिस्तान की मांग संविधान के मुताबिक है, तो यह गलत कैसे है? इतना ही नहीं उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कथित 'रिपब्लिक ऑफ खालिस्तान' की करेंसी की फोटो भी शेयर की. हालांकि, बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया. स्क्रीनशॉट शेयर होने के बाद उन्होंने ट्विटर अकाउंट भी डिलीट कर दिया
खास बात ये है कि खुद को आम आदमी पार्टी का सोशल मीडिया इंचार्ज बताने वाले हरप्रीत सिंह बेदी ने ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अपना ट्विटर अकाउंट ही डिलीट कर दिया. उधर, बीजेपी ने आरोप लगाया है कि हरप्रीत सिंह बेदी आप नेता है, वह दशकों से खालिस्तान का समर्थक रहा है. बीजेपी ने इस मामले में अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए माफी मांगने की अपील की है.
बीजेपी महासचिव त्रिलोक जामवाल ने कहा, आप का राष्ट्र विरोधी एजेंडा एक बार फिर सामने आ गया है. राष्ट्र विरोधी ताकतों ने न सिर्फ पंजाब में सिर ऊंचा किया, बल्कि अब हिमाचल में भी इस तरह की मांग उठने लगी है.
AAP ने हरप्रीत सिंह बेदी को पार्टी से निकाला
उधर, हिमाचल प्रदेश AAP ने सफाई देते हुए कहा कि हरप्रीत सिंह बेदी के विचार निजी हैं. यह पार्टी की विचारधारा के खिलाफ हैं. बेदी को पार्टी से निकाल दिया गया है. हालांकि, अभी प्रशासन ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है. इससे पहले खालिस्तानी झंडा और स्टीकर लगाए पंजाब से हिमाचल आ रहे एक वाहन का चालान काटा गया था.
प्रतिबंधित खालिस्तानी सिख फॉर जस्टिस SFJ ने हाल ही में धमकी दी थी कि वह शिमला में खालिस्तानी झंडा फहराएगा. इसके बाद से खालिस्तान समर्थन वाले वाहनों को राज्य में प्रतिबंधित कर दिए गए हैं. इससे पहले गुरु पतवंत सिंह पन्नू ने दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल की मंडी जनसभा के दौरान खालिस्तानी झंडे बांटे गए थे. हालांकि, प्रशासन और आप ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था.