
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने बड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. सोमवार को विधायक दल की पहली बैठक में एक अहम फैसला लिया गया है. अब से विधायकों और अधिकारियों को कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा. हिमाचल भवन और हिमाचल सदन में विधायकों अधिकारियों को भी आम नागरिक की तरह ही पैसे देने होंगे.
आम नागरिक की तरह ही हिमाचल भवन और हिमाचल सदन में सुविधाएं मिलेंगी. विधायकों के परिजन पर भी ये फैसला लागू होगा. बैठक में ये भी संकेत दिए गए हैं कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. कैबिनेट की पहली बैठक में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने पर फैसला होगा. इसके साथ ही सभी वादों को भी जल्द धरातल पर उतारने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा.
सीएम ने विधायकों को दिया धन्यवाद
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आज से मैं कामकाज संभाल रहा हूं. कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों की बैठक आयोजित की गई है. सभी विधायकों से उनके जिलों के बारे में पूछा गया और एक गठबंधन पॉलिसी बनाई गई. मैं सभी विधायकों को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने हमें बताया है कि हिमाचल भवन और हिमाचल सदन में उनसे आम जनता से कम शुल्क लिया जाता था, इसलिए हमने नीति बनाई और अब से सभी के लिए समान राशि के भुगतान की व्यवस्था होगी.
कैबिनेट की पहली बैठक में ओपीएस पर फैसला होगा
सीएम ने कहा कि कांग्रेस विधायकों की बैठक में फैसला लिया गया है कि हिमाचल भवन और सदन में जो जनता से पैसा लिया जाता है, वही विधायकों से लिया जाएगा. विधायक आम नागरिक की तरह सब बकाया भुगतान करेंगे. विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं को तुरंत प्रभाव से वापस लिया गया. उन्होंने आगे कहा- कैबिनेट का विस्तार होना बाकी है. हमने वादा किया है कि पहली कैबिनेट में ओपीएस लागू करेंगे. 2 योजनाएं लागू करनी हैं. बाकी हम बाद में चर्चा करेंगे.