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शिमला, मंडी-कुल्लू में बादल फटने से 7 की मौत, 50 लापता, लाहौल स्पीति में भूकंप के झटके... हिमाचल में कुदरत का कहर

पहले से प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश में अब भूकंप के झटके लगे हैं. लाहौल स्पीति में ये भूकंप के झटके महसूस किए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.2 की रही. इसमें किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.

पहाड़ों पर कुदरत का कहर (फोटो- PTI) पहाड़ों पर कुदरत का कहर (फोटो- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:12 PM IST

हिमाचल में बादल फटने के साथ मौत का सैलाब आया है. शिमला, मंडी और कूल्लू, तीन जगहों पर बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई. हादसे में अब तक 50 लोग लापता हैं. बादल फटने के बाद लैंडस्लाइड की वजह से कई सड़के बंद है जिसकी वजह से रेस्क्यू टीम के लिए मौके पर पहुंचना बड़ी चुनौती है. भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन जैसी  प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश में अब भूकंप के झटके लगे हैं. 

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राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में भूकंप के झटके महसूस किए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.2 की रही. हालांकि इसमें किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है.

शिमला के पास रामपुर में जब बादल फटे थे तब लोग नींद में थे. राज्य आपात अभियान केंद्र ने बताया कि कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बादल फट गया. शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी के मुताबिक, बुधवार रात श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई, जिसके परिणामस्वरूप शिमला में रामपुर उपमंडल के समेज खुड (नाला) में जलस्तर बढ़ने से दो लोगों की मौत हो गयी तथा 34 अन्य लापता हो गए.

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कुल्लू से सात लोग लापता

राज्य बादल फटने की घटनाओं के बाद नदियों का रौद्र रूप देखने को मिला. कुल्लू के मणिकर्ण के मलाणा में बादल फटने के बाद मलाणा बांध की दीवार टूट गयी और ब्यास नदी अपनी सीमाएं तोड़कर बहने लगी. कुल्लू में नदी किनारे बना सब्जी मंडी का भवन पानी में बह गया. एक निर्माणाधीन इमारत भी ढह गई. कुल्लू में सात लोग लापता हैं. मलाणा पावर प्रोजेक्ट में फंसे 29 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. जबकि चार लोग प्रोजेक्ट में अभी फंसे हुए हैं. 

रामपुर में 34 लोग लापता

भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से रास्ते इतने खराब हो गये हैं कि रेस्क्यू ऑपरेशन मुश्किल हो रहा है. रामपुर के समेच गांव के 34 लोग लापता हैं, जिनमें 18 महिलाएं शामिल हैं.  वहीं मंडी के रामबन गांव तक जाने वाले तकरीबन सभी रास्ते क्षतिग्रस्त हो गये हैं.जगह जगह झरने बह रहे हैं. मलबा-कीचड़ और चट्टानें राहत और बचाव दलों को हर एक कदम पर चुनौती दे रहे हैं.

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चंबा के चुराह में बादल फटने से भारी नुकसान की तस्वीरें सामने आई हैं. चंबा-तीसा सड़क मार्ग सहित कई सड़कें बंद हो गई हैं. सैलाब के रास्ते में आए घर टूट गये तो तमाम गाड़ियां मलबे में दब गईं जिन्हें अब जेसीबी की मदद से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है. मंडी भी राहत और बचाव का काम जारी है. यहां बुधवार रात आए ज़लजले में दो मकान ढह गये. घर में मौजूद 11 में से दो लोगों के शव मलबे से निकाले जा चुके है.जबकि 8 लोग अब भी लापता हैं. राहत बचाव दल पैदल चलकर रामबन गांव तक पहुंची जहां बादल फटने के बाद सबसे ज्यादा तबाही हुई.

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शाह ने की सीएम सुक्खू से बात

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की और राज्य में बादल फटने से उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया. शाह ने इस स्थिति में मुख्यमंत्री को केंद्र की ओर से हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया.इस मामले पर आपात बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सुक्खू ने कहा कि आपदा निगरानी के लिए राज्य में 13 स्थानों पर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र भी स्थापित किए गए हैं और जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने तथा अस्थायी पुल (बेली ब्रिज) बनाने के निर्देश दिए गए हैं.

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