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हिमाचल में महसूस किए गए भूकंप के झटके, जान-माल का कोई नुकसान नहीं

गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. हालांकि इन झटकों से जिले में किसी तरह के जान-माल की हानि नहीं हुई. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.7 मापी गई.

भूकंप (प्रतीकात्मक तस्वीर) भूकंप (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

  • हिमाचल प्रदेश में आए भूकंप के हल्के झटके
  • भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.7 मापी गई
  • सुबह 4.50 बजे आया भूकंप, कोई नुकसान नहीं

हिमाचल प्रदेश इन दिनों लगातार प्रकृति की मार से परेशान है, कोई ना कोई प्राकृतिक आपदा प्रदेश को लगातार घेरे हुए है. पहले से ही बारिश की मार झेल रहे हिमाचल में अब भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया है. दरअसल गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं. हालांकि इन झटकों से जिले में किसी तरह के जान-माल की हानि नहीं हुई है.

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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.7 मापी गई.

जब लोग आराम से अपने घरों में सो रहे थे तभी तड़के सुबह 4 बजकर 50 मिनट पर अचानक ये भूकंप आया. लेकिन राहत की बात यह रही की ये भूकंप ज्यादा तीव्र नहीं था. फिर भी लोग इस भूकंप के झटकों से डर जरूर गए.

अधिकारियों ने बताया कि सुबह-सुबह आए इस भूकंप का केंद्र जम्मू एवं कश्मीर की सीमा से लगे चंबा क्षेत्र में था और इसका एपिसेंटर 5 किलोमीटर जमीन के भीतर था.

वैसे यह पहली बार नहीं है जब हिमाचल प्रदेश में भूकंप आया हो, पहाड़ी राज्य होने के कारण इससे पहले भी कई बार हिमाचल में भूकंप आए हैं. सिर्फ प्रदेश के चंबा जिले की बात करें तो यहां इस साल लोगों ने 5 बार भूकंप के झटके महसूस किए. हालांकि यह झटके रिक्टर स्केल पर 3 से 3.5 की तीवत्रा पर मापे गए हों लेकिन बार बार इसी क्षेत्र में भूकंप आना चिंता की बात है.

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गौरतलब है कि धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी होती हैं. जब भी ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं तो भूकंप की स्थिति पैदा होती है. जिस दौरान भूकंप आता है, ये प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं. इसी दौरान जो ऊर्जा पैदा होती है उससे धरती हिलने या फटने का खतरा बना रहता है. कई बार अगर भूकंप की तीव्रता तेज रहती है तो काफी समय तक आफ्टरशॉक आने का खतरा रहता है.

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