
अयोध्या में होने वाले श्री रामलला मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू स्थित भगवान रघुनाथ के मंदिर से चांदी की चरण पादुका, चौकी, वस्त्र और चौउर भेंट की जाएगी. इन सभी वस्तुओं को लेकर भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह आज अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं.
उनके साथ रघुनाथ के पुजारी सहित तीन लोग शामिल हैं. अयोध्या के लिए रवाना होने से पहले भगवान रघुनाथ के मंदिर में पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद रामलला को भेंट स्वरूप दी जाने वाली चांदी की चरण पादुका और अन्य सामान को भगवान रघुनाथ के समक्ष रखा गया और पूजा की गई.
अयोध्या से कुल्लू का 374 साल पुराना रिश्ता
गौरतलब है कि रामलला की जन्मभूमि अयोध्या से देवभूमि कुल्लू का 374 साल पुराना रिश्ता है. सन 1648 को भगवान रघुनाथ की मूर्ति को अयोध्या से कुल्लू लाया गया था. इसके बाद कुल्लू के राजा ने अपना सारा राजपाठ भगवान रघुनाथ को सौंप दिया और खुद भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार बन गए. इसके बाद कुल्लू जिले में भगवान रघुनाथ की पूजा की जाने लगी.
मंदिर से पहले निकाली गई शोभा यात्रा
इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब महेश्वर सिंह भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार की भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे में आज वह रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए आयोध्या रवाना हो गए हैं. इस दौरान मंदिर में महिलाओं ने भजन-कीर्तन किया और मंदिर से सरवरी बाजार तक शोभा यात्रा भी निकाली गई.
चरण पादुका के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
जय श्री राम के उद्घोष के साथ राम भक्तो में उत्साह देखने को मिला. भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार को स्थानीय जनता ने मंदिर में चढ़ाने के लिए भेंट भी दी. इस दौरान जगह-जगह चांदी की चरण पादुका, चौकी, वस्त्र और चौउर के दर्शन करने के लिए लोग भी मौजूद रहे और सभी ने रामलला को दी जाने वाले भेंट के दर्शन किए.