Advertisement

हिमाचल: कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य करार देना सही या गलत? SC 11 मार्च को कर सकता है सुनवाई

हाल ही में हुए हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के इन 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके चलते बीजेपी के हर्ष महाजन विजयी घोषित हुए थे. कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा था.

हिमाचल कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने खुद को अयोग्य करार दिए जाने के स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. (File Photo) हिमाचल कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने खुद को अयोग्य करार दिए जाने के स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. (File Photo)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 08 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 11 मार्च को सुनवाई कर सकता है. बागी विधायकों ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से स्पीकर के फैसले के खिलाफ राहत की मांग की है. स्पीकर ने बजट सत्र के दौरान पार्टी व्हिप के बावजूद विधानसभा में अनु​पस्थित रहने के आधार पर इन विधायकों को अयोग्य करार दिया था.

Advertisement

विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके स्पीकर के फैसले को गलत बताया है, इसे रद्द करने की मांग की है. हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के इन 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके चलते बीजेपी के हर्ष महाजन विजयी घोषित हुए थे. कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस प्रत्याशी की बजाय बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों में चैतन्य शर्मा, सुधीर शर्मा, राजिंदर राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर और देवेंद्र भुट्टो ने शामिल थे.

विधायकों ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान की याचिका पर जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया. सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इन बागी विधायकों को यह कहते हुए अयोग्य ठहराने की मांग की थी कि वे बजट सत्र के दौरान सरकार के पक्ष में वोट करने के पार्टी व्हिप की अवहेलना करते हुए विधानसभा में वित्त विधेयक पर मतदान से अनुपस्थित रहे. इस बीच, 28 फरवरी को विधानसभा में कथित तौर पर हंगामा करने पर सात बीजेपी विधायकों को नोटिस मिला है.

Advertisement

विधानसभा अध्यक्ष ने गत 27 फरवरी को स्पीकर के कार्यालय के बाहर मार्शल के साथ दुर्व्यवहार और हंगामा करने के आरोप में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर समेत 15 बीजेपी विधायकों को निलंबित करने के बाद 28 फरवरी को सदन स्थगित कर दिया था. लेकिन निलंबित बीजेपी विधायकों ने सदन छोड़ने से इनकार कर दिया. सदन में स्पीकर की कुर्सी पर कागज फेंके और नारेबाजी की. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement