Himachal Pradesh Live Updates: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा के नतीजों के बाद शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. पार्टी के छह विधायक बागी हो गए, जिन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया. उसके बाद अब सुक्खू सरकार में शामिल वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं कांग्रेस की ओर से सरकार को बचाने के लिए डैमेज कंट्रोल किया जा रहा है. इसको लेकर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम बीएस हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर हिमाचल भेजा गया है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी सूरत में हिमाचल की सरकार बचनी चाहिए.
हिमाचल के सीएम सुक्खू ने कहा कि हम तो सबको माफ करने वाले लोग हैं, हम बदले की भावना से काम नहीं करते.सभी हमारे छोटे भाई हैं. हमारी सरकार 5 साल पूरे करेगी.
हिमाचल के विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि दलबदल विरोधी कानून के तहत कांग्रेस के संसदीय कार्य मंत्री ने एक याचिका दी थी. हमने नोटिस भेज दिया है. एक सुनवाई अभी समाप्त हुई है, दोनों पक्षों ने विस्तार से बात की है. मैंने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि जब हिमाचल प्रदेश में पिछले साल भयानक आपदा आई थी, तब प्रधानमंत्री ने वहां के लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया था. राज्य सरकार द्वारा बार-बार मदद मांगने के बावजूद प्रधानमंत्री ने मदद का हाथ नहीं बढ़ाया. उन्होंने उस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को भी ठुकरा दिया था. अब वह राज्य की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि ऐसा करके वह कांग्रेस को परेशान कर रहे हैं, लेकिन यह वास्तव में हिमाचल प्रदेश की जनता का अपमान है, जिसने कांग्रेस पार्टी को अपनी सेवा के लिए चुना है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता हमारे साथ है. आगामी लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश के लोग इस अपमान का मुंह तोड़ जवाब देंगे.
हिमाचल में सियासी उथलपुथल के बीच हिमाचल स्पीकर कुलदीप पठानिया ने बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि हिमालच में कांग्रेस के 6 विधायकों की अयोग्यता के मामले पर स्पीकर के चैंबर में सुनवाई हुई थी. विधायकों की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. विधायकों को व्हाट्सएप पर नोटिस भेजा गया और याचिका की प्रतियां नहीं दी गईं. सत्यपाल जैन ने कहा कि याचिका सुनवाई पूरी होने के बाद ही प्रतियां दी गईं. (इनपुट- मनजीत)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है. इस बीच कांग्रेस नेता विक्रमादित्य से जब पूछा गया कि क्या वो बीजेपी में शामिल होंगे. इस पर उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं है.
विक्रमादित्य ने आगे कहा, "मैं जो भी कहता हूं, वह हमेशा तथ्यों और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित होता है. राज्य में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार है...आज वित्त विधेयक पारित हो गया है."
हिमाचल में सुक्खू सरकार में बजट पास कराकर विश्वास मत हासिल कर लिया है, जिसके बाद विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है. वहीं अब सुक्खू सरकार को तीन महीने तक कोई खतरा नहीं है. वहीं कांग्रेस के जो विधायक बागी हुए हैं, उनके खिलाफ भी पार्टी की शिकायत पर विधानसभा में सुनवाई जारी है. दल बदल अधिनियम को लेकर कांग्रेस विधायकों की अयोग्यता के मामले की सुनवाई विधानसभा समिति कक्ष में चल रही है. स्पीकर के चैंबर में सत्ता पक्ष पक्ष और विपक्ष के वकील मौजूद हैं. बीजेपी की ओर से सत्य पाल जैन बागी विधायकों की पैरवी कर रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश में सियासी खींचतान के बीच बजट पास हो गया है. इस दौरान बीजेपी का कोई भी विधायक सदन में मौजूद नहीं था. वहीं कांग्रेस के जो विधायक बागी हुए थे, वो विधायक शिमला में नहीं रहेंगे. वो वापस हरियाणा के पंचकूला वापस जा रहे हैं, जहां वो राज्यसभा चुनाव के बाद गए थे.
हिमाचल प्रदेश में मची सियासी गहमागहमी के बीच सरकार ने विधानसभा में बजट पास करा लिया है. सदन में विपक्षी दल बीजेपी के सभी विधायक गैर हाजिर रहे. दरअसल बीजेपी के 15 विधायकों को सस्पेंड किया गया था, जिसके बाद 10 विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया था. वहीं बजट पास करने के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकालीन स्थगित हो गई है.
हिमाचल विधानसभा से बीजेपी के 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके बाद भाजपा के कुल 10 विधायक सदन में बचे. बजट पेश होने से पहले बीजेपी के बचे हुए 10 विधायकों ने भी सदन से वॉकआउट कर दिया है.
हिमाचल प्रदेश के जिन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, उनमें सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर और देवेंद्र भुट्टो के नाम शामिल हैं. इन विधायकों ने विधानसभा में जयराम ठाकुर से मुलाकात भी की है. विधायकों में से दो कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा और इंद्रदत्त लखनपाल का संबंध मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृहजिला हमीरपुर से है. जिन तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के समर्थन में मतदान किया उनके नाम आशीष शर्मा, केएल ठाकुर और होशियार सिंह हैं.
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि विधानसभा के अंदर करीब 100 मार्शलों को बुलाया गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है और वो बजट पारित नहीं कर सकते, इसलिए उन्होंने बिना किसी कारण बीजेपी के 15 विधायकों को निलंबित कर दिया. वे अब बजट पारित करने की कोशिश करेंगे, लेकिन ये नियमों के खिलाफ होगा. अगर सीएम सुक्खू में थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के संकट पर जयराम रमेश ने कहा कि हमारी प्राथमिकता हिमाचल प्रदेश में सरकार बचाना है क्योंकि वहां की जनता ने बीजेपी को नकारकर स्पष्ट बहुमत हमारी पार्टी को दिया था. उन्होंने दावा किया कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर हमारी सरकार को गिराने की साजिश रची गई. हमारे तीन बड़े नेता शिमला में हैं, हमें कड़े फैसले लेने होंगे. हम कठोर फैसले लेने से पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे पर्यवेक्षक सभी विधायकों से बातचीत करेंगे. उसके बाद आलाकमान को रिपोर्ट सौंपेंगे. जो जनादेश हमें मिला है, उसे पूरा करेंगे. कांग्रेस पार्टी और संगठन सर्वोपरि है.
कांग्रेस के छह विधायक जो बागी हुए थे और जिन्होंने राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के प्रत्याशी को वोट दिया था. क्या वो बीजेपी में शामिल होंगे, इसको लेकर पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, उन्होंने हमारे प्रत्याशी को वोट दिया था. इसलिए वो हमारे साथ हैं. उनके अलावा और भी कई लोग हमारे संपर्क में हैं.
हिमाचल प्रदेश में चल रहे सियासी खींचतान के बीच मीडिया से बात करते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मैं ये स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने इस्तीफा नहीं दिया है. उन्होंने कहा, बजट के दौरान हम अपना बहुमत साबित करेंगे. हिमाचल में कांग्रेस पार्टी की सरकार पांच साल तक चलेगी. इसके साथ ही सुक्खू ने दावा किया है कि बीजेपी के कई विधायक उनके संपर्क में हैं.
हिमाचल प्रदेश में आए कांग्रेस सरकार पर संकट को लेकर जब संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने अपने पर्यवेक्षकों को शिमला भेजा है, जब वो वापस आएं तो उसके बाद बताते हैं. वहीं जब उनसे सीएम सुक्खू के इस्तीफे को लेकर सवाल पूछा गया तो इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
(इनपुट- राहुल गौतम)
हिमाचल संकट से पार पाने के लिए कांग्रेस की ओर से पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, "कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर मैं शिमला पहुंच रहा हूं, किसी भी अफवाह पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है क्योंकि मुझे विश्वास है कि कांग्रेस के विधायक पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे और जो जनादेश दिया गया है, उसके साथ रहेंगे. हालांकि जिस पर सवाल उठाया जाना चाहिए और चिंता की बात ये है कि सत्ता हासिल करने के मामले में बीजेपी किस हद तक जा रही है. इस प्रक्रिया में जानबूझकर लोकतंत्र और सार्वजनिक जनादेश को कुचने का प्रयास कर रही है."
हिमाचल प्रदेश में सियासी तापमान इतना हाई है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी इसकी जद में आती हुई दिखाई दे रही है. कांग्रेस की ओर से भेजे गए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के सामने सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है. सीएम सुक्खू ने विधायकों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए ये फैसला लिया है. हालांकि अबतक इस पर कांग्रेस आलाकमान की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है.
(इनपुट-कमलजीत)
हिमाचल कांग्रेस में उठापठक का दौर इस तरह चलेगा, इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. पहले वीरभद्र सिंह के बेटे ने अपने पिता का अपमान बताते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, उसके बाद अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस्तीफे की पेशकश कर दी है. सूत्रों की मानें तो सुक्खू ने सरकार को बचाने के लिए पार्टी की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों के सामने अपने इस्तीफे की पेशकश की है. बता दें कि कांग्रेस की ओर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा हिमाचल में पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए हैं.
विधानसभा से निष्कासित विधायक धरने पर बैठ गए हैं, जिन्हें जबरदस्ती हटाने के लिए मार्शल बुलाए गए. इस दौरान कुछ विधायकों की तबीयत भी बिगड़ गई है. विधायक विपिन परमार ने डॉक्टर बुलाने की मांग भी की है.
(इनपुट- पॉलोमी साहा)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है. बीजेपी के जिन विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया है, उन्हें मार्शल लगातार सदन से बाहर जाने को कह रहे हैं, लेकिन बीजेपी विधायक धरने पर बैठे हुए हैं. ऐसी खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ धक्का-मुक्की भी हुई है.
विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे को लेकर राज्यसभा चुनाव जीतने वाले बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कहा, "उन्होंने जो कुछ भी कहा, वो पूरी तरह सही है. मैं उनसे पूरी तरह सहमत हूं. वह वीरभद्र सिंह के बेटे हैं और हिमाचल के यूथ आइकॉन हैं. उन्होंने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि किस तरह उनके पिता और उन्हें अपमानित किया गया, उसके बाद उनके पास क्या विकल्प था? उन्होंने जो भी किया नैतिकता के आधार पर सही किया."
हिमाचल प्रदेश में चल रही सियासी गहमागहमी के बीच कांग्रेस के छह बागी विधायक शिमला वापस लौट आए हैं. ये विधायक राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के बाद हरियाणा के पंचकूला चले गए थे, जहां से चॉपर के जरिए इन्हें वापस लाया गया है. वहीं इन विधायकों ने शिमला वापसी के बाद कहा कि अब हम बीजेपी के साथ हैं.
विधानसभा स्पीकर ने बीजेपी के 15 विधायकों को सदन की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया है, बावजूद इसके बीजेपी के विधायक सदन के अंदर ही हैं, उन्हें वहां से हटाने के लिए मार्शल बुलाए गए हैं. इस बीच बीजेपी की ओर से राजभवन में राज्यपाल से मिलने के लिए एक बार फिर समय मांगा है.
हिमाचल प्रदेश में स्पीकर ने बीजेपी के 15 विधायकों को सदन की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया है, इसको लेकर बीजेपी विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात के लिए समय मांगा है.
(इनपुट- पीयूष)
हिमाचल प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बारे में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी अपनी नजर बनाए हुई हैं. उन्होंने हिमाचल की घटना की पूरी जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दी है. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने बताया कि कुछ विधायकों ने उनसे बात की है. विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को प्रियंका गांधी से बात की थी. प्रियंका इस पर पूरी नजर बनाए हुए हैं. वह लगातार सुक्खू और राजीव शुक्ला से भी लगातार संपर्क में हैं.
(इनपुट- मौसमी)
हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव के रिजल्ट और क्रॉस वोटिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ''कांग्रेस ने बड़े-बड़े और फर्जी वादे करके हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाई. सरकार बनने के बाद उनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया. लोग पूछते थे सवाल जब कांग्रेस के विधायक अपने क्षेत्र में गए. उनके पास देने के लिए कोई जवाब नहीं था...कोई काम नहीं हुआ, कांग्रेस के अपने विधायकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था...कांग्रेस विधायकों ने 14 महीने के भीतर अपनी ही पार्टी क्यों छोड़ दी, क्या मजबूरी थी?...एक कारण यह है कि उन्होंने एक गैर-हिमाचली व्यक्ति को टिकट दिया.''
बीजेपी के 15 विधायकों को सदन से सस्पेंड किया गया है, उनमें जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, विनोद कुमार, जनक राज, बलबीर वर्मा, सुरेंद्र शौरी, इंदर सिंह गांधी, हंसराज, लोकेंद्र कुमार, रणधीर शर्मा, रणवीर सिंह निक्का शामिल हैं.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जिस तरह हंगामा मचा हुआ है, उसको देखते हुए स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर समेत बीजेपी के 14 विधायकों को सदन से सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही विधानसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष का हंगामा जारी है. इस बीच स्पीकर ने बड़ा एक्शन लेते हुए बीजेपी के 14 विधायकों को सदन से सस्पेंड कर दिया है. बीजेपी के इन विधायकों में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी शामिल हैं.
हिमाचल प्रदेश में सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार से इस्तीफा दे दिया है, वहीं दूसरी ओर स्पीकर ने जयराम ठाकुर समेत बीजेपी के पांच विधायकों को सस्पेंड कर दिया है. इससे पहले जयराम ठाकुर ने इसकी आशंका जताई थी और इसको लेकर बीजेपी का डेलीगेशन राज्यपाल से मिला था.
विक्रमादित्य सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी पिता को याद कर भावुक हो गए. उन्होंने पिता की तुलना आखिरी मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर से की. उन्होंने कहा कि पूरा चुनाव वीरभद्र सिंह के नाम पर हुआ. भारी मन के साथ कहना पड़ रहा है कि जिस व्यक्ति की वजह से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी, उनकी मूर्ति लगाने के लिए शिमला के मॉल रोड पर 2 गज जमीन नहीं दी. ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव जिन परिस्थितियों में हुए थे, उस समय नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और प्रतिभा सिंह ने मिलकर प्रयास किए. वीरभद्र सिंह का नाम तब चुनावों में इस्तेमाल किया गया. कांग्रेस पार्टी की तरफ से विज्ञापन के जरिए वीरभद्र की फोटो के जरिए जनता से वोट मांगे गए. मैंने कभी पद की लालसा नहीं की.
विधायकों के साथ अनदेखी हुई है. विधायकों को प्रताड़ित किया गया है. सरकार की गवर्नेन्स हमारे सामने है. बार-बार इन मसलों को हाईकमान के समक्ष उठाया गया. सरकार को बनाने में हमने बहुत ही मतवपूर्ण योगदान दिया है. चुनी हुई सरकार के सामने अपने हर वायदे को पूरा करना.
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. जितना हमसे हो सका हमने सरकार का पूरी मजबूती से काम किया और समर्थन किया. दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे ह्यूमिलेट किया गया है. मेरे विभाग के कामकाज में हस्तक्षेप किया गया. मैं उनमें से नहीं हूं कि किसी भी दबाव में आए. हमेशा की तरह आज भी सही का समर्थन और गलत का विरोध करेंगे. पूरे घटनाक्रम को लेकर हाईकमान से बात की है.
(इनपुट- मनजीत सहगल, कमलजीत)
वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर मैंने प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को इस बारे में बता दिया है. उन्होंने कहा कि कभी-कभी कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं और वर्तमान हालात को देखते हुए मैं इस सरकार में नहीं रह सकता हूं.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हमने हमेशा कांग्रेस आलाकमान का सम्मान किया है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का सम्मान किया है, लेकिन विधायकों की शिकायत का समाधान नहीं हुआ, ये विधायकों की अनदेखी का ही नतीजा है कि हम राज्यसभा चुनाव हारे हैं. उन्होंने कहा कि मेरी निष्ठा पार्टी के साथ है, इसलिए खुलकर बोल रहा हूं.
हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव के बाद अब सुक्खू सरकार के लिए संकट और बढ़ गया है. सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री और वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस आलाकमान से खुली बगावत कर दी है. उन्होंने कहा कि क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की अनदेखी हुई है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हमने पार्टी के हर मंच पर उठाया था, लेकिन उनकी अनदेखी हुई है.
हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद सियासी भूचाल आया हुआ है. आज सुबह बीजेपी विधायकों ने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात की थी और विधानसभा में वोट डिवीजन की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि स्पीकर ने उनकी मांग नहीं मानी, जिसके बाद राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है. वहीं दूसरी ओर विधानसभा स्पीकर कुलदीप पठानिया ने भी राजभवन जाकर राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला से मुलाकात की है.
हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के जिन छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी और बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन को अपना वोट दिया था. उन विधायकों को बीजेपी ने हरियाणा के पंचकूला में ठहराया था, अब विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने के लिए वो विधायक शिमला के लिए रवाना हो गए हैं.
(इनपुट- सतेंद्र चौहान)
हिमाचल में सुक्खू सरकार को बचाने के लिए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा को कांग्रेस ने पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. इसको लेकर कर्नाटक में विपक्ष के नेता आर अशोका ने डीके शिवकुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर डिप्टी सीएम हिमाचल में राजनीतिक लाभ के लिए जाएंगे तो राज्य में पानी के बिना संघर्ष कर रहे बेंगलुरु के लोगों की समस्या का समाधान कौन ढूंढ़ेगा?
उन्होंने कहा, पहले तेलंगाना चुनाव के लिए राज्य को भूलकर कावेरी का पानी तमिलनाडु की ओर मोड़ दिया गया और राज्य के जलाशय सूख गए. अब डिप्टी सीएम हिमाचल के दौरे पर जा रहे हैं. अगर पार्टी का हित कन्नड लोगों के हित से ज्यादा महत्वपूर्ण है तो इस्तीफा देकर पूर्णकालिक अध्यक्ष के रूप में पार्टी के लिए काम करें. इसके अलावा सिर्फ बिजली के लिए बेंगलुरु विकास और सिंचाई जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी लेकर कन्नडवासियों को धोखा न दें.
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को डर है कि उसके विधायकों को विधानसभा से सस्पेंड किया जा सकता है ताकि कांग्रेस के लिए बिना वोटिंग डिवीजन के बजट पारित कराना आसान हो जाए. इस बीच कांग्रेस ने हिमाचल में डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया है. दोनों पर्यवेक्षक भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार शिमला पहुंच रहे हैं. इस बीच कांग्रेस विधायकों को नोटिस दिया गया है और दोपहर एक बजे तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है.
(इनपुट- मनजीत सहगल)
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल से मुलाकात के बाद बीजेपी के विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा, "हमने विधानसभा के अंदर स्पीकर के व्यवहार को लेकर राज्यपाल से बात की है. जब भी कटौती प्रस्ताव लाया जाता है तो उस पर बहस होती है और कट मोशन आता है. विपक्ष का अधिकार है. उसी के आधार पर वोट डिवीजन होता है. जिस तरह से विपक्ष की आवाज को दबाया गया. जब हम स्पीकर के पास इस बारे में बताने गए तो हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया. उसी को लेकर हम आज यहां आए हैं."
राज्यपाल से मुलाकात के बाद पूर्व सीएम और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्यसभा चुनाव के बाद बीजेपी के कैंडिडेट जीते हैं. सरकार बहुमत में थी, लेकिन फिर भी हम जीते. वर्तमान में सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है. जयराम ने कहा कि विधानसभा स्पीकर हमारे विधायकों को सस्पेंड कर सकते हैं. कांग्रेस की सरकार हमारी वजह से नहीं अपनी वजह से संकट में है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपना बहुमत खो चुकी है.
राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला से मीटिंग से पहले हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, जो घटनाक्रम हाल ही में हुआ है, उससे साबित होता है कि कांग्रेस की सरकार अपना जनादेश खो चुकी है.
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बीजेपी का डेलीगेशन राजभवन पहुंच गया है. जयराम ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम बजट पेश होने से पहले डिविजन वोटिंग चाहते हैं, लेकिन स्पीकर इसकी अनुमति नहीं दे रहे हैं. हम चाहते हैं कि फाइनेंशियल इमरजेंसी से बचने के लिए बजट पारित किया जाए. हम वोटिंग के लिए मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सरकार ने बहुमत खो दिया है.
(इनपुट- मनजीत सहगल)
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटे हैं. ऐसे में बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 35 सीटों की जरूरत होती है. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 40 विधायक जीते थे. बीजेपी के 25 और तीन अन्य विधायकों को जीत मिली थी. बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस के दो गुटों के बीच चली रस्सा-कशी के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य को कैबिनेट मंत्री बनाया गया और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष हैं. इस सरकार को तीनों निर्दलीय विधायकों ने भी अपना समर्थन दे दिया था. ऐसे में सुक्खू सरकार के पास कुल 43 विधायक थे.
वहीं राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने दावा किया है कि हिमाचल में जल्द सरकार गिरेगी. इस बीच कांग्रेस भी एक्टिव मोड में आ गई है. पार्टी ने हालात को देखते हुए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को हिमाचल का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. शिवकुमार आज ही हिमाचल के लिए रवाना होंगे. वो बेंगलुरु से चंडीगढ़ के लिए फ्लाइट लेंगे और फिर सड़क मार्ग से हिमाचल जाएंगे. वह दोपहर तक हिमाचल पहुंच जाएंगे. हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी हिमाचल भेजा जा सकता है.
वहीं चुनाव में पैसे, ED और सीबीआई के उपयोग को जयराम ठाकुर ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह विधायक कांग्रेस पार्टी के थे और कांग्रेस पार्टी की हिमाचल में सरकार है तो डराने धमकाने का सवाल ही पैदा नहीं होता है. उन्होंने कांग्रेस की हार पर बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को हिमाचल प्रदेश की सत्ता में रहने का अब कोई भी नैतिक अधिकार नहीं है.
हिमाचल के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने आजतक से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस के जिन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है, उन्होंने अंतरात्मा की आवाज को सुना. उन्होंने कहा, कांग्रेस विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के जरिए अपनी पीड़ा को जाहिर करने का काम किया है. ये विधायक सरकार बनने के 3 महीने बाद से ही अपनी पीड़ा को विधानसभा के बाहर और भीतर जाहिर कर रहे थे, लेकिन जब सारी चीजें सीमा से पार हो जाती हैं तब कहीं न कहीं तो भड़ास निकलेगी.
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद अब सुक्खू सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने हिमाचल के राज्यपाल से मिलने के लिए सुबह 7:15 बजे का समय मांगा है. इस दौरान बीजेपी विधायक दल के सभी सदस्य मौजूद रहेंगे. जयराम ठाकुर ने कहा है कि बजट सत्र चल रहा है. बुधवार को बजट पास होना है. राज्यपाल और स्पीकर से मिलेंगे. वोट डिविजन का अधिकार दिया जाए. वोटिंग के जरिए बजट पास कराने की मांग की जाएगी.
हिमाचल में सुक्खू सरकार पूर्ण बहुमत के साथ चल रही है. राज्य में सरकार बनाने के लिए 35 विधायकों की जरूरत होती है, लेकिन कांग्रेस के पास 40 विधायक है. इसके बावजूद राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की हार हो गई. कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय प्रत्याशियों की मदद से बीजेपी के हर्ष महाजन राज्यसभा जा रहे हैं.