Advertisement

हिमाचल प्रदेश: कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद पॉजिटिव हुए IGMC के तीन डॉक्टर

कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद तीन डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाये गये. तीनों डॉक्टर को होम आइसोलेट किया गया है. वहीं IGMC के प्रिंसिपल का कहना है कि दवा लगाने के बाद तीन से चार महीने बाद एंटी बॉडी बनती है. वैक्सीन के असर या बेअसर होने का इससे कोई संबंध नहीं है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
मनजीत सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 13 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST
  • 10 दिन पहले लगी थी कोरोना वैक्सीन 
  • तीन डॉक्टरों को किया गया होम आइसोलेट

हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के तीन डॉक्टर कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद पॉजिटिव पाये गये हैं. दस दिन बाद इनमें कोरोना के लक्षण दिखे, जिसके बाद तीनों का कोरोना टेस्ट करवाया गया. तीनों डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इन्हें एहतियातन होम आइसोलेट कर दिया गया है. अभी तक इन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगाई गई है. 

Advertisement

इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डॉ. रजनीश पठानियां ने इंडिया टुडे से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि हम वैक्सीन को संक्रमण से नहीं जोड़ सकते हैं. खुराक मिलने से पहले उन्हें संक्रमण हो सकता है. उन्होंने कहा कि दवा लगाने के बाद तीन से चार महीने बाद एंटी बॉडी बनती है.

 वैक्सीन के असर या बेअसर होने का इससे कोई संबंध नहीं है. बताया गया है कि वैक्सीन की पहली खुराक मिलने के बाद से डॉक्टर नियमित रूप से अपनी ड्यूटी कर रहे थे. माना जा रहा है कि इलाज के दौरान वे कोरोना संक्रमित हो गये. डॉ. पठानिया ने बताया कि उनके संपर्क में आने वाले मरीजों की कोई जानकारी नहीं है. 

हिमाचल में कोरोना वैक्सीनेशन का पहला चरण 16 जनवरी को शुरू किया गया था. वैक्सीन पाने वाले पहले स्वास्थ्यकर्मी हरदीप सिंह थे, जबकि IGMC के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनक राज दूसरे नंबर पर थे, जिन्हें वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी. राज्यभर में 27 केंद्रों पर टीकाकरण किया जा रहा है. पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट से अभी तक राज्य को 93 हजार खुराक मिली है. जल्द यहां दूसरे चरण का अभियान भी शुरू होने जा रहा है. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement