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J-K में सुरक्षा बलों का आतंक पर प्रहार, साल 2022 में 172 आतंकवादी ढेर तो 17 किए गिरफ्तार

ADGP विजय कुमार ने बताया कि इस साल, आतंकवादी संगठनों में 100 नई भर्तियों के साथ पिछले वर्ष की तुलना में इस आंकड़े में 37% की गिरावट दर्ज की गई. अधिकतम आतंकी (74) लश्कर में शामिल हुए हैं. कुल भर्ती में से 65 आतंकवादी मुठभेड़ में मार दिए गए, 17   गिरफ्तार हुए जबकि 18 आतंकवादी अभी भी सक्रिय हैं.

J-K में सुरक्षा बलों का आतंक पर प्रहार J-K में सुरक्षा बलों का आतंक पर प्रहार
सुनील जी भट्ट
  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

जम्मू- कश्मीर में आतंकियों का सफाया लगातार जारी है. ऐसे में आज साल के आखिरी दिन  ADGP कश्मीर, विजय कुमार ने जानकारी दी है कि साल 2022 के दौरान, कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच कुल 93 सफल मुठभेड़ें हुई, जिसमें 42 विदेशी आतंकवादियों सहित 172 आतंकवादी मारे गए. मारे गए अधिकतम आतंकवादी (108) LeT/TRF संगठन से थे, उसके बाद JeM (35), HM (22), अल-बद्र (4) और AGuH (3) के थे. 

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आतंकियों की भर्ती में 37% की गिरावट

उन्होंने बताया कि इस साल, आतंकवादी संगठनों में 100 नई भर्तियों के साथ पिछले वर्ष की तुलना में इस आंकड़े में 37% की गिरावट दर्ज की गई. अधिकतम आतंकी (74) लश्कर में शामिल हुए हैं. कुल भर्ती में से 65 आतंकवादी मुठभेड़ में मार दिए गए, 17   गिरफ्तार हुए जबकि 18 आतंकवादी अभी भी सक्रिय हैं. इस साल मारे गए कुल 65 नए भर्ती आतंकवादियों में से 58 (89%) संगठनों में शामिल होने के पहले महीने के भीतर मार गिराए गए.

इधर, डीजीपी दिलबाग सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि ऐसा देखा गया है कि पाकिस्तान एजेंसी के इशारे पर मॉड्यूल हमले और टारगेट किलिंग करते हैं. इस साल ऐसे 146 आतंकी मॉड्यूल्स का भंडाफोड़ किया गया. उन्होंने बताया कि इस साल 15 पुलिस कर्मी शहीद हुए और 17 अर्धसैनिक बल के जवान शहीद हुए. इसलिए, आतंकवादियों द्वारा मारे गए कुल 29 नागरिकों में 21 स्थानीय (3 केपी और 15 मुस्लिम सहित 6 हिंदू) और अन्य राज्यों के 08 नागरिक शामिल हैं.

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बीते माह से जारी 'ऑपरेशन ऑल आउट'

बता दें कि जम्मू कश्मीर में बीते माह से आतंकियों का सफाया करने के लिए सुरक्षाबल 'ऑपरेशन ऑल आउट' चला रहे हैं. सेना की ओर से ये ऑपरेशन घाटी में मौजूद विदेशी आतंकियों का सफाया करने के लिए चलाया जा रहा है.

सुरक्षाबलों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में लोकल रिक्रूटमेंट अब केवल कुछ ही जिलों में हो रहा है वो भी न के बराबर. जम्मू कश्मीर में जो विदेशी आतंकी मौजूद हैं, उनकी जिंदगी कुछ महीनों की मेहमान है. यही वजह है कि लोकल युवाओं और युवतियों को बड़े आतंकी कमांडर सूचना देने, मदद पहुंचाने के बदले पैसे दे रहे हैं.

सुरक्षा बलों में इस समय इस बात की चिंता है कि लेडी ओवर ग्राउंड वर्कर आतंकियों की मदद के लिए काफी आगे आ रही हैं. यही वजह है कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबल इन दिनों 'ऑपरेशन लेडी ओवर ग्राउंड वर्कर' चला रहे हैं. सुरक्षाबलों के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आजतक को ये जानकारी दी थी कि कुछ दिनों से ऐसे ट्रेंड देखे जा रहे हैं कि कश्मीर घाटी में मौजूद विदेशी आतंकी और हाइब्रिड आतंकी की मदद महिला ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) की तरफ से की जा रही है. ये कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बनकर उभर रहा है.

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