
आतंकी खतरे और श्रद्धालुओं पर पत्थरबाजी की आशंकाओं के बीच अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा चाक-चौबंद रहे इसके लिए केंद्रीय गृह सचिव ने गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की. इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, जम्मू कश्मीर के डीजीपी और केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के डीजी शामिल हुए. किसी भी खतरे से निपटने के लिए इस बार यात्रा के दौरान पहले से अधिक सुरक्षा दी जाएगी.
अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक एक लाख 52 हजार श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा चुके हैं, यह वह यात्री हैं जो सड़क रास्ते से पैदल चलकर पवित्र शिवलिंग के दर्शन करेंगे. साथ ही 25 हजार यात्रियों ने हेलीकॉप्टर से जाने के लिए पंजीकरण कराया है. पिछले बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 189 कंपनियां लगाई गईं थी लेकिन इस बार जम्मू कश्मीर सरकार ने केंद्र से 279 कंपनियों की मांग की है.
यात्रियों की सुरक्षा के लिए सेना, सीआरपीएफ, जम्मू कश्मीर पुलिस, आईटीबीपी और एसएसबी के जवान तैनात रहेंगे. अमरनाथ यात्रियों पर इस बार पत्थरबाजी का सबसे ज्यादा खतरा है. घाटी में तनाव के हालात के बीच यात्रा के लिए इस कड़े सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं. यात्रा में कुछ ऐसे भी यात्री जो बिना पुलिस सुरक्षा के के खुद से जा रहे हैं. ऐसे यात्रियों के लिए सुरक्षा और भी मजबूत रहेगा.
श्रद्धालुओं के ठहरने के इंतजाम वाली जगहों पर चार स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी. जहां भी यात्री रुकते हैं वहां पूरे जत्थे के साथ रुकते हैं और भारी तादाद में एक साथ वहां लोग मौदूद रहते हैं. इसी के मद्देनजर ऐसे स्थानों पर सुरक्षा कड़ी रहेगी.