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अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाना लाज़मी है. नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में हुए अमरनाथ यात्रियों पर हमले की न सिर्फ निंदा की, बल्कि जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ़्ती सरकार को भी आड़े हाथों लिया. यहां तक कि सरकार की बर्खास्तगी की भी मांग उठाई.
क्या कहा राजनैतिक नेताओं ने -
प्रवीण तोगड़िया
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता प्रवीण तोगड़िया ने मंगलवार को अमरनाथ यात्रा पर तीर्थयात्रियों पर आतंकवादी हमले को रोकने में विफल रहने पर महबूबा मुफ्ती सरकार की बर्खास्तगी तक की मांग कर दी. तोगड़िया ने आतंकवाद से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाने को कहा.
सीताराम येचुरी
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हम इस हमले की निंदा करते हैं, भाजपा सरकार से जवाबदेही की मांग करते हैं, जिसने राज्य को अपमानित कर दिया है. और अब कश्मीर में निर्दोष लोगों के नुकसान के लिए नेतृत्व किया है. आखिरी बार तीर्थयात्रियों पर आतंकवादी हमला सन 2000 में हुआ था. उसके बाद अब मोदी की अगुवाई वाली एनडीए के तहत महबूबा मुफ़्ती की सरकार में ऐसा निंदनीय हमला हुआ है. भारतीय जनता पार्टी की यह जवाबदेही बनती है की आखिर कश्मीर की ऐसी हालत हुई कैसे?
राहुल गांधी
कांग्रेस राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा की नरेंद्र मोदी को हमले की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और लोगों को आश्वस्त कराए की ऐसी निंदनीय घटना दोबारा नहीं होगी. इन आतंकवादी से भारत कभी भी भयभीत नहीं होगा, यह एक गंभीर और अस्वीकार्य सुरक्षा चूक है.
गुलाम नबी आज़ाद
वर्तमान समय में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने भी कहा कि इस घटना के बाद सरकार को भी आत्ममंथन की ज़रूरत है. यह मानवता पर हमला है. भारत की अनेकता और कश्मीरियत पर हमला है. हम विपक्षी दल के नेताओं ने इस कायरता पूर्ण हमले की कड़ी निंदा की है.
सुब्रमण्यम स्वामी
भाजपा नेता सुब्रमन्यम स्वामी ने भी ट्वीट के ज़रिए कहा है की जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल के माध्यम से केंद्र का शासन लगाना चाहिए और वर्तमान सरकार को खारिज कर देना चाहिए.