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'आतंकियों को सेना ने घेर रखा था, अचानक हुआ हमला...' कोकरनाग में 3 अफसरों की शहादत की कहानी, TRF का हाथ

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के तीन अधिकारी शहीद हो गए हैं. सुरक्षाबलों की एक टीम कोकेरनाग में आतंकियों की घेराबंदी करने पहुंची थी. इसी दौरान आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षा बलों पर हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है. अनंतनाग में सुरक्षा बलों का एंटी-टेरर ऑपरेशन जारी है. कोकरनाग के आतंकी उजैर की घेराबंदी तेज कर दी है.

आतंकियों से एनकाउंटर में कर्नल मनप्रीत, मेजर आशीष और डीएसपी हुमायु् शहीद हो गए. आतंकियों से एनकाउंटर में कर्नल मनप्रीत, मेजर आशीष और डीएसपी हुमायु् शहीद हो गए.
aajtak.in
  • श्रीनगर,
  • 14 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर में देश ने सेना के तीन जाबांज अफसर खो दिए हैं. इनमें एक कर्नल, एक मेजर और एक डीएसपी का नाम शामिल है. सुरक्षाबलों को कोकेरनाग इलाके में जवानों पर हमले के साजिशकर्ता आतंकवादियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी. एक टीम मौके पर पहुंची और घेराबंदी कर दी. इस बीच, दोनों तरफ ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई और सेना के राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर (कर्नल) मनप्रीत सिंह, एक कंपनी कमांडर (मेजर) आशीष धोंचक और एक जम्मू कश्मीर पुलिस में डीएसपी हुमायूं भट की जान चली गई.

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जानकारी के मुताबिक, सेना को विश्वस्त खुफिया सूत्रों से आतंकवादियों के मूवमेंट की जानकारी मिली थी. जिसके आधार पर घेराबंदी का फुल प्रूफ प्लान बनाया गया और इलाके में सेना के अधिकारियों के नेतृत्व में जवान आगे बढ़ रहे थे. जैसे ही सेना की टीम ऊंचाई वाली जगह पर चढ़ी तो पहले से छिपे 2-3 आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. कर्नल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य दो अधिकारियों को गोलियां लगीं. उन्हें हवाई मार्ग से श्रीनगर के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. यह आतंकवादी लश्कर के प्रॉक्सी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) से जुड़े थे. आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली है. प्रतिबंधित रेजिस्टेंस फ्रंट को पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी संगठन माना जाता है.

कर्नल मनप्रीत संभाल रहे थे ऑपरेशन की कमान

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इस पूरे ऑपरेशन की कमान कर्नल मनप्रीत सिंह संभाल रहे थे. वो बतौर कमांडिंग अफसर 19 RR की बागडोर संभाले थे. कर्नल मनप्रीत सिंह को 2021 में वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया था. जबकि मेजर आशीष धोंचक को कुछ हफ्ते पहले 15 अगस्त को वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया था. पुलिस अधिकारी हुमायूं भट के पिता जम्मू कश्मीर पुलिस में आईजी पद से रिटायर्ड हैं.

अगस्त में सेना के जवानों पर आतंकियों ने किया था हमला

अधिकारियों का मानना ​​है कि यह वही आतंकवादियों का समूह है, जिसने 4 अगस्त को कुलगाम जिले के हलाण वन क्षेत्र के ऊंचे इलाकों में सेना के जवानों पर हमला किया था, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे. गैरोल इलाके में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन मंगलवार शाम को शुरू हुआ था, लेकिन रात में इसे बंद कर दिया गया था. मंगलवार सुबह आतंकवादियों की फिर से तलाश शुरू हुई. सूचना मिली थी कि एक ठिकाने पर आतंकियों को देखा गया है. कर्नल सिंह ने आगे से अपनी टीम का नेतृत्व किया और आतंकियों पर हमला बोल दिया. हालांकि, आतंकियों की गोली से वो गंभीर रूप से घायल हो गए.

सेना ने लश्कर के दोनों आतंकियों को घेरा

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इस आतंकी हमले में कोकरमाग के ही उग्रवादी उजैर खान का नाम सामने आया है. कहा जाता है कि उसने 2 आतंकियों के साथ मिलकर इस पूरे हमले को अंजाम दिया है. बता दें कि उजैर अनंतनाग में एकमात्र सक्रिय आतंकवादी है. जम्मू कश्मीर जोन की पुलिस ने ट्वीट किया और बताया कि हमारी सेनाएं उजैर खान समेत एलईटी के 2 आतंकवादियों को घेरने में दृढ़ संकल्प के साथ जुटी हुई हैं. आगे कहा, शहीद अफसरों की अटूट वीरता को सच्ची श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने इस ऑपरेशन के दौरान सामने से नेतृत्व करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.

उजैर खान जुलाई 2022 से कोकेरनाग में एलईटी का सक्रिय आतंकवादी है. (फाइल फोटो)

मौत से अनजान कर्नल मनप्रीत की पत्नी

आजतक से बातचीत में कर्नल मनप्रीत के भाई वीरेंद्र गिल ने कहा, आर्मी ऑफिसर की पत्नी जगमीत कौर अभी भी उनकी मौत से अनजान हैं. मनप्रीत का परिवार पंचकूला के सेक्टर 26 में रहता है. जगमीत हरियाणा के सरकारी स्कूल में लेक्चरर हैं. गिल ने कहा, मैंने बुधवार सुबह 6:45 बजे उनसे बात की और उन्होंने कहा कि वो व्यस्त हैं. शाम को मुझे फोन करेंगे, जब सेना का ऑपरेशन खत्म हो जाएगा. हमें दोपहर में उनके घायल होने की सूचना मिली. कर्नल सिंह के परिवार में उनकी पत्नी, एक छह साल का बेटा और दो साल की बेटी है. जगमीत एक स्कूल टीचर हैं. वो फिलहाल अपने माता-पिता के साथ रह रही हैं. कर्नल मनप्रीत सिंह का अंतिम संस्कार आज (14 सितंबर) होगा.

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रिटायर्ड आईजी के बेटे थे डीएसपी हुमायूं भट

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी जम्मू-कश्मीर दिलबाग सिंह ने गाडूल, कोकरनाग, अनंतनाग एनकाउंटर में पुलिस और सेना के बहादुर अधिकारियों की शहादत पर दुख जताया है. डीजीपी ने कहा, इस घटना से बेहद दुख पहुंचा है. डीएसपी हुमायूं मुजामिल भट के पिता गुलाम हसन भट्ट जम्मू-कश्मीर पुलिस में आईजी रहे हैं. जीवन की हर हानि दुर्भाग्यपूर्ण है. अपराधियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा. डीजीपी ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी सहानुभूति जताई और कहा, पूरा जम्मू-कश्मीर पुलिस बल शहीदों के परिजनों के साथ खड़ा है.

2 साल की बेटी के पिता हैं मेजर आशीष 

मेजर आशीष धोनैक हरियाण के पानीपत जिले के रहने वाले थे. वो मूल रूप से बिंझौल गांव के रहने वाले थे. हालांकि अभी उनका परिवार पानीपत के सेक्टर-7 में रहता है. आशीष, तीन बहनों में इकलौते भाई थे. उनकी 2 साल पहले ही मेरठ से जम्मू में पोस्टिंग हुई थी. वह 2 साल की बेटी के पिता हैं. 

दो महीने की बेटी, पिता भी आईजी से रिटायर्ड

डीएसपी हुमायूं भट की 2 महीने की बेटी है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के रिटायर्ड आईजी गुलाम हसन भट के बेटे हुमायूं भट को बहुत ज्यादा खून बहने की वजह से बचाया नहीं जा सका. डीएसपी हुमायूं भट के पिता गुलाम हसन भट आईजी की पोस्ट से रिटायर हुए हैं. डीएसपी हुमायूं का भट के शव को बडगाम के हुम्हामा में बुधवार देर रात सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. हालांकि वह पुलवामा जिले के रहने वाले थे, लेकिन काफी समय से हुम्हामा में रह रहे थे.

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यह हमला जम्मू क्षेत्र के राजौरी में पीर पंजाल के दक्षिण में गोलीबारी में सेना के एक जवान और सेना के डॉग यूनिट की लैब्राडोर केंट की मौत के एक दिन बाद हुआ है. वहीं, सुदूर नरला गांव में मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए हैं.

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