
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुई तीन नागरिकों की मौत मामले में सेना ने ब्रिगेडियर स्तर के एक अधिकारी पर जांच बैठा दी है. साथ ही उन पर एक्शन लेते हुए उन्हें अटैच कर दिया है. भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक 13 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स के ब्रिगेडियर कमांडर को अटैच किया गया है. साथ ही अटैच किए गए अधिकारी के क्षेत्र में हुए आतंकी हमलों में जवानों के शहीद होने की घटनाओं की भी जांच की जाएगी.
दरअसल, राजौरी-पुंछ सेक्टर में घात लगाकर सेना के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में चार जवान शहीद हो गए थे. जानकारी के मुताबिक इसके बाद हमले से संबंधित पूछताछ के लिए तीनों नागरिकों को हिरासत में लिया गया था. ये तीनों नागरिक बाद में मृत पाए गए थे. इसको लेकर सेना ने जांच के आदेश दिए थे. जांच शुरू होने के साथ ही ब्रिगेडियर कमांडर पर पहला एक्शन लिया गया है.
21 दिन दिसंबर को हुआ था आतंकी हमला
बता दें कि 21 दिसंबर की शाम करीब पौने 4 बजे राजौरी/पुंछ के सुरनकोट उपखंड में डेरा की गली और बुफलियाज के बीच घने वन क्षेत्रों में दानार सवानिया मोड़ पर आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के दो वाहनों पर हमला कर दिया था, जिसमें 4 जवान शहीद हो गए और तीन घायल हैं. हमले की चपेट में आए सेना के वाहन एक ऑपरेशन के लिए जा रहे थे, जो इलाके में संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट के बाद गुरुवार सुबह शुरू किया गया था. सोमवार को आर्मी चीफ मनोज पांडे राजौरी पहुंचे. उन्होंने यहां सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया. सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें जमीनी हकीकत से वाकिफ कराया.
खुफिया इंटेलिजेंस की नामकामी: जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी
जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने राजौरी-पुंछ सेक्टर में बार-बार हो रहे आतंकी हमलों के लिए खुफिया इंटेलिजेंस की नाकामी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि हमें अपने खुफिया नेटवर्क को मजबूत करना होगा. हम खराब इंटेलिजेंस की वजह से दिक्कत उठा रहे हैं. मैं सराहना करता हूं कि आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने इस मामले को गंभीरता से लिया. उनका यह दौरा बहुत जरूरी था. उन्होंने कहा कि हमें स्थानीय लोगों को चुनकर उन्हें पुलिस और यहां तक कि सेना में उनकी एसपीओ के पद पर भर्ती करनी चाहिए. मुझे 100 फीसदी यकीन है कि वे आतंकियों को उनके ठिकानों से बाहर निकालने में कामयाब होंगे क्योंकि वे यहां के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं.