
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर जम्मू-कश्मीर के बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद पार्टी ने PDP से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया. इस बड़े फैसले से पहले अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी विचार-विमर्श किया था. दरअसल शुरू से ही घाटी में इस गठबंधन की सरकार में खींचतान चलती आ रही थी. कई मुद्दों पर दोनों के मतभेद उभर कर आए थे.
2015 में हुआ था गठबंधन
जम्मू-कश्मीर में साल 2015 में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की सरकार बनी थी. गठबंधन के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बनाए थे. जबकि डिप्टी सीएम बीजेपी के खाते में गया था.
मुफ्ती मोहम्मद सईद ने 1 मार्च 2015 को जम्मू-कश्मीर के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिया था. 7 जनवरी 2016 को इनका निधन हो गया. जब सईद का निधन हुआ तो वो मुख्यमंत्री थे.
अचानक मुफ्ती मोहम्मद सईद की मौत
जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की अचानक मौत के बाद राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया. उसके बाद कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर एक बार फिर खींचतान शुरू हो गई. जिसके बाद फिर पीडीपी-बीजेपी सरकार बनाने के लिए तैयार हो गई. ढाई महीने के बाद 4 अप्रैल 2016 को महबूबा मुफ्ती पहली महिला मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर की बनीं. जबकि उपमुख्यमंत्री बीजेपी के विधायक निर्मल सिंह को बनाया गया.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में 87 में से पीडीपी ने 28 जबकि बीजेपी के पास 25 सीटें जीती थीं. एनसी और कांग्रेस को क्रम से 15 और 12 सीटों पर जीत मिली थी. चुनाव नतीजे आने के बाद से ही सरकार गठन को लेकर सियासी उठा पटक चल रही थी.