Advertisement

जम्मू-कश्मीर: LoC के नजदीक राजौरी में हो रहा शांतिपूर्ण मतदान, लोग बोले- अब पाकिस्तान से गोलीबारी का डर नहीं

महबूबा मुफ्ती को नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व मंत्री और प्रभावशाली गुज्जर नेता मियां अल्ताफ और भाजपा समर्थित अपनी पार्टी के जफर इकबाल खान मन्हास से बड़ी चुनौती मिल रही है.

दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के चित्रगाम में वोट डालने के लिए लोग लाइन में खड़े इंतजार करते हुए- फोटो PTI दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के चित्रगाम में वोट डालने के लिए लोग लाइन में खड़े इंतजार करते हुए- फोटो PTI
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2024,
  • अपडेटेड 6:14 PM IST

नियंत्रण रेखा (LoC) से कुछ ही मीटर की दूरी पर जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के इस सेक्टर के आखिरी भारतीय गांव सेहर और मकरी में लोकसभा चुनाव के लिए बनाए गए मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ. उत्साही मतदाता सीमा पार से गोलाबारी के डर के बिना अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए कतार में खड़े हैं. पीर पंजाल के दक्षिण में पुंछ के साथ राजौरी अनंतनाग संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है, जहां पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित 20 उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला होना है.

Advertisement

किनके बीच है मुकाबला ?
महबूबा मुफ्ती को नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व मंत्री और प्रभावशाली गुज्जर नेता मियां अल्ताफ और भाजपा समर्थित अपनी पार्टी के जफर इकबाल खान मन्हास से बड़ी चुनौती मिल रही है. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के नेता मोहम्मद सलीम पारे और 10 निर्दलीय भी निर्वाचन क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सीमा बाड़ के पास पड़ने वाले मकरी गांव के निवासी वेद प्रकाश ने अपना वोट डालने के बाद बताया, 'इस बार मतदान सीमा पार से गोलाबारी के डर के बिना शांतिपूर्ण माहौल में हो रहा है. हमने पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी के कारण सबसे बुरा दिन देखा है और हमारी एकमात्र प्रार्थना सीमा पर शांतिपूर्ण माहौल जारी रखना है.'

भारत और पाकिस्तान के बीच नए सिरे से युद्धविराम 25 फरवरी, 2021 को लागू हुआ, जिससे सीमावर्ती निवासियों को राहत मिली. अधिकारियों ने राजौरी और पुंछ में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास 19 मतदान केंद्र बनाए हैं और सीमा पार गोलाबारी से निपटने के लिए एक इमरजेंसी प्लान भी तैयार किया है.

Advertisement

उन्होंने कहा, 'हम अपने उन क्षेत्रों में विकास देख रहे हैं जो सीमा पार से गोलाबारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे. प्रकाश ने कहा, सरकार ने पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी की स्थिति में हमारी सुरक्षा के लिए भूमिगत बंकर भी बनाए हैं. नौशेरा विधानसभा क्षेत्र में दोपहर 1 बजे तक 47.31 प्रतिशत मतदान हुआ.

कुल 18.36 मतदाताओं वाले अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में दोपहर 1 बजे तक 35.22 प्रतिशत मतदान हुआ. यह निर्वाचन क्षेत्र दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां और जम्मू क्षेत्र में राजौरी और पुंछ में 18 सेक्टर में फैला हुआ है.

प्रकाश ने कहा कि पाकिस्तानी गोलाबारी का डर बहुत पहले ही खत्म हो गया था और आज हम एक ऐसी सरकार के लिए मतदान कर रहे हैं जो सड़क संपर्क और हमारे स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए बेहतर सुविधाओं जैसे हमारे मुद्दों का समाधान करेगी. उन्होंने कहा, हम एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो यह सुनिश्चित करेगी कि हम पाकिस्तानी गोलाबारी के डर के बिना शांति से अपना जीवन जिएं और सीमावर्ती लोगों के बेहतरी के लिए गतिविधियां जारी रखें.

सरकारी शिक्षक गोरख नाथ, जिन्हें बूथ स्तर अधिकारी का काम सौंपा गया था, उन्होंने कहा कि आज सुबह से मध्यम से तेज मतदान दर्ज किया गया और इसका श्रेय शांतिपूर्ण माहौल को जाता है. सुनील चौधरी ने कहा कि गांव में पानी की कमी है और वह चाहते हैं कि सरकार इस समस्या का समाधान करे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement