
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले में CBI ने केस दर्ज किया है. आरोप है कि उन्होंने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक परियोजना के कटरा-धरम खंड के निर्माण में शामिल एक कंपनी के लंबित बिलों को पास करने के लिए रिश्वत ली. अधिकारियों ने सोमवार को इस मामले की जानकारी दी है.
चीफ इंजीनिर सुमीत खजूरिया की बढ़ी मुश्किल
CBI ने भारतीय रेलवे इंजीनियर्स सेवा (IRSE) के 2005 बैच के अधिकारी सुमीत खजूरिया को इस मामले में आरोपी बनाया है. इसके अलावा, पारस रेलटेक प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशकों - राजेश कुमार जैन, पुष्प राज सिंह और सुलभ रावत के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. इन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की आपराधिक साजिश से संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
रिश्वत लेकर बिल पास करने का आरोप
CBI की जांच में यह सामने आया है कि खजूरिया और कंपनी के निदेशक लंबित बिलों को पास कराने और सुरंग की मिट्टी हटाने के लिए एस्टीमेट में बदलाव करने के बदले रिश्वत लेने में शामिल थे. यह पूरी परियोजना कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड की निगरानी में चल रही थी.
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक परियोजना भारतीय रेलवे की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसका मकसद जम्मू-कश्मीर को रेल नेटवर्क से बेहतर तरीके से जोड़ना है, हालांकि, इस भ्रष्टाचार के खुलासे से परियोजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं.
CBI की कार्रवाई हुई तेज
CBI ने इस मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है और संबंधित दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है. जल्द ही आरोपियों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में और भी लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है.