
इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी पर पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है और भारतीय चौकियों और रिहायशी इलाकों को अपना निशाना बना रहा है. जम्मू के अरनिया सेक्टर में चार दिनों तक लगातार गोलीबारी के बाद रविवार को सन्नाटा पसरा है.
मोर्टार दागे जाने से कई घर तबाह
अरनिया सेक्टर से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान की पीतल पोस्ट बनी है. इसी पीतल पोस्ट से अरनिया सेक्टर में मोर्टार और गोलियां बरसाई जा रही हैं. पाकिस्तान की ओर से मोर्टार दागे जाने से कई घर तबाह हो गए हैं और मवेशी भी मारे गए हैं. अरनिया में घरों की ज्यादातर दीवारें छलनी हो चुकी हैं. खिड़कियों के शीशे गायब हैं, कई घरों की छतें मोर्टार दागे जाने से टूट चुकी हैं.
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे अरनिया की जनसंख्या करीब 10 हजार है. चार दिन तक लगातार मोर्टार दागे जाने से घबराए इस कस्बे के 80 फ़ीसदी लोग घर छोड़कर जा चुके हैं. अरनिया में जो भी लोग मौजूद हैं वह या तो अपने मवेशियों की देखभाल के लिए मौजूद हैं, या फिर जब गोलीबारी में कोई घायल होता है तो उसे कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचा रहे हैं.
मोर्टार गिरने से लोगों में दहशत
लगातार गोलीबारी से सरहद पर दहशत का माहौल है. आज तक ने ऐसे दर्जनों लोगों से बात की जो या तो घर छोड़कर जा रहे हैं या फिर घर छोड़कर जा चुके हैं. रात अपने गांव से बाहर गुजारने पर मजबूर कुछ लोगों ने सुबह अपने घरों का रूख किया. अपने घर लौटते समय उनके चेहरे पर भी दहशत दिखाई दी. लोगों का मानना है कि रिश्तेदारों के यहां भी सीमित समय तक ही पनाह ली जा सकती है.
राहत शिविरों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं
दहशत की वजह से हर्निया के ज्यादातर लोग अपने घरों को छोड़कर प्रशासन द्वारा स्थापित अस्थाई शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि राहत शिविरों में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. हर्निया के बख्शी नगर अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं.
दुकानें बंद, बाजार में पसरा सन्नाटा
अरनिया के बाजार में भी सन्नाटा पसरा हुआ है. सरकारी राशन की दुकानें, अस्पताल, बैंक से लेकर सब्जी और किराना की दुकानें तक सब कुछ बंद है. घरों में ताले लटके हैं.
स्कूल कॉलेज बंद
वहीं स्कूल कॉलेज भी बंद हैं. गोलाबारी के चलते तनाव बढ़ने के मद्देनजर प्रशासन ने जम्मू में इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी से लगे इलाकों में शैक्षणिक संस्थानों को अगले तीन दिनों के लिए बंद कर दिया है.
अरनिया का सरकारी अस्पताल 30 किलोमीटर दूर बक्शीनगर में है. इस अस्पताल में सुविधाओं की कमी है, लेकिन अरनिया में गोलीबारी से घायल लोगों को इसी अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है.