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'...तब तक तिरंगा नहीं उठाएंगे', महबूबा के बयान पर शिकायत, FIR दर्ज करने की मांग

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को विवादित बयान देते हुए कहा था कि जब तक हमें हमारा जम्मू-कश्मीर का झंडा वापस नहीं मिल जाता हम तिरंगा झंडा नहीं उठाएंगे.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो) जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 24 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 8:59 AM IST
  • महबूबा मुफ्ती के खिलाफ शिकायत
  • राष्ट्रध्वज के अपमान का मामला
  • महबूबा के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा राष्ट्र ध्वज के खिलाफ दिए गए बयान पर दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है और दिल्ली पुलिस कमिश्नर से उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की गई है. 

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को विवादित बयान देते हुए कहा था कि जब तक हमें हमारा जम्मू-कश्मीर का झंडा वापस नहीं मिल जाता हम तिरंगा झंडा नहीं उठाएंगे.

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महबूबा के इस बयान से नाराज सुप्रीम कोर्ट  के वकील विनीत जिंदल ने महबूबा के खिलाफ नेशनल ऑनर एक्ट समेत आईपीसी की धारा 121, 151, 153A, 295, 298, 504, 505 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है. 

दिल्ली पुलिस कमिश्नर को दिए अपनी शिकायत में विनीत जिंदल ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के विवादित बयान ने एक चुनी हुई सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने का काम किया है. साथ ही देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान भी किया है. इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. 

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दरअसल जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विवादित बयान  देते हुए कहा है कि जब तक हमारा झंडा वापस नहीं मिल जाता हम दूसरा झंडा नहीं उठाएंगे.

शुक्रवार को महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक देश, दो झंडे वाली सियासत को एक बार फिर से आगे बढ़ाया. महबूबा ने पहले तो कहा कि वह अनुच्छेद 370 को वापस लेकर ही रहेंगी और ऐसा जबतक नहीं हो जाता है वो कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी. इसके अलावा महबूबे ने भारत के राष्ट्रध्वज तिरंगे को लेकर भी अपमानजनक टिप्पणी की. महबूबा ने कहा "जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे. मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे. वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है. उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है."

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