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अलगाववादियों को तमाचा, सेना की परीक्षा में बैठे 800 कश्मीरी युवक

कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी सबजार भट के मारे जाने के बाद घाटी में अशांति के बीच सेना में जूनियर कमिशन अधिकारी और अन्य पदों पर चयन के लिए आज करीब 800 कश्मीरी युवा संयुक्त प्रवेश परीक्षा में बैठे.

शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न
अमित कुमार दुबे
  • श्रीनगर,
  • 28 मई 2017,
  • अपडेटेड 6:16 PM IST

कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी सबजार भट के मारे जाने के बाद घाटी में अशांति के बीच सेना में जूनियर कमिशन अधिकारी और अन्य पदों पर चयन के लिए आज करीब 800 कश्मीरी युवा संयुक्त प्रवेश परीक्षा में बैठे.

दरअसल सबजार भट के मारे जाने के बाद अलगाववादियों ने रविवार और सोमवार को बंद बुलाया है. परीक्षा में शामिल होकर युवाओं ने जता दिया कि उनकी राह अलागाववादियों की राह से जुदा है और वो बहकावे में नहीं आने वाले हैं.

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सेना के एक अधिकारी ने कहा कि विभिन्न विरोधी गुटों से बंद के आह्वान की परवाह ना करते हुए 799 उम्मीदवार पट्टन और श्रीनगर में रविवार को हुई संयुक्त प्रवेश परीक्षा में बैठे. उन्होंने कहा कि 815 उम्मीदवारों में से शारीरिक और चिकित्सा परीक्षा पास करने वाले 16 उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा नहीं दी.

अधिकारी ने कहा, 'यह उज्ज्वल भविष्य के लिए बंद की प्रतिगामी अपीलों को स्पष्ट तौर पर खारिज करना है.' सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर भट के मारे जाने के बाद प्रदर्शनों के मद्देनजर कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए घाटी के कई हिस्सों में प्रशासन ने आज कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगाई.

खासकर श्रीनगर के नौहट्टा, रेनवाड़ी, खानयार, एम.आर.गंज, सफा कदल, क्रालखड और मैसूमा में कर्फ्यू लगाया गया. इसके बावजूद बड़ी संख्या में युवा परीक्षा देने के लिए पहुंचे. उत्तरी कश्मीर के गांदरबल, बडगाम, बांदीपोरा और कुपवाड़ा में धारा 144 लगाई गई है जबकि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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इस बीच शनिवार की आधी रात को सबजार अहमद भट को त्राल में उसके पैतृक गांव में दफना दिया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुटे.

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