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चुनाव की ओर जम्मू-कश्मीर, सरकार भले नहीं बनी, लेकिन करीब आए उमर और महबूबा

जम्मू कश्मीर में विधानसभा भंग होने के साथ बढ़े सियासी तनाव के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला पहली बार पू्र्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से सहमत होते दिखे.

उमर अबदुल्ला और महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो: पीटीआई) उमर अबदुल्ला और महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो: पीटीआई)
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:45 AM IST

जम्मू-कश्मीर में बुधवार को विधानसभा भंग होने के बाद राज्य की राजनीति में अनोखा नजारा देखने को मिला. राज्य में एक-दूसरे के विरोधी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ट्विटर पर एक दूसरे के सुर में सुर मिलाते नजर आए.

विधानसभा भंग होने के बाद राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने एक के बाद एक चार ट्वीट किए. उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक के विधानसभा भंग करने को जल्दबाजी भरा फैसला बताया.

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इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'एक राजनेता के तौर पर मुझे लगता था कि मैंने अपने 26 साल के करियर में सब कुछ देख लिया है. लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि कभी भी 'नेवर' नहीं कहना चाहिए. इसके बावजूद मैं दिल से उमर अब्दुल्ला और अंबिका सोनी जी को शुक्रिया कहना चाहूंगी कि उन्होंने हमें असंभव लग रही चीज को हासिल करने में मदद की.'

महबूबा का इशारा राज्य में सरकार बनाने के लिए सहमति बनने की ओर था. बता दें कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ ही पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. हालांकि, विधानसभा भंग होने के बाद इसकी संभावना खत्म हो गई. उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, 'पिछले पांच महीनों से, राजनीतिक सहयोग की परवाह किए बिना हम इस बात पर राजी थे कि राज्य विधानसभा को तुरंत भंग किया जाना चाहिए ताकि खरीद फरोख्त और दलबदल पर रोक लगाई जा सके.'

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तीसरे ट्वीट में महबूबा ने लिखा, 'आश्चर्यजनक रूप से हमारी मांगें भैंस के आगे बीन बजाने जैसी थीं. लेकिन किसने सोचा था कि महागठबंधन का विचार से ही इतनी घबराहट पैदा हो जाएगी.'

महबूबा मुफ्ती ने चौथे ट्वीट में लिखा, 'पोस्ट स्क्रिप्ट: आज के तकनीकी दौर में यह काफी अजीब है कि महामहिम राज्यपाल के आवास में हमारा फैक्स नहीं पहुंचा, लेकिन उन्होंने विधानसभा भंग करने का आदेश तुरंत जारी कर दिया.'

महबूबा के पहले ट्वीट को रीट्वीट करते हुए उमर ने लिखा, 'और मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी आपसे सहमत होते हुए आपको रीट्वीट करूंगा, राजनीति सच में अलग तरह की दुनिया है. आगे के संघर्ष के लिए शुभकामनाएं. एक बार फिर से लोगों की बुद्धिमत्ता की जीत होगी.'

यही नहीं, इसके बाद उमर अब्दुल्ला ने एक GIF को ट्वीट करते हुए मजाकिया अंदाज में लिखा कि राजभवन की फैक्स मशीन इस तरह काम करती है.

महबूबा ने इसका और भी मजाकिया अंदाज में जवाब दिया और एक फोटो को ट्वीट किया कि जो लोग फैक्स रिसीव होने का इंतजार कर रहे हैं, उनका कुछ ऐसा हाल हो जाएगा.

घाटी में सियासी उठापटक के तनाव के बीच एक दूसरे के धुर विरोधी और अपनी राजनीतिक विरासत के दूसरी पीढ़ी के नेता महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने एक दूसरे के साथ कुछ हल्के पल साझा किए. अब दोनों नेताओं का इस तरह करीब आना घाटी में किस तरह का गुल खिलाएगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा. अब सबकी निगाह इस बात पर है कि क्या जम्मू-कश्मीर चुनाव की ओर बढ़ रहा है या कोई और विकल्प अभी है.

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