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J-K: अमित शाह के विकास के एजेंडे पर बोलीं महबूबा- ये महज कॉस्मेटिक स्टेप, असली समस्या का निदान बाकी

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह संकट भारत सरकार की ओर से लाया गया है और समस्या को दूर करने के बजाय उन्होंने कॉस्मेटिक स्टेप्स का विकल्प चुना जो वास्तविक समस्या का समाधान नहीं करते हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (फाइल-पीटीआई) पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (फाइल-पीटीआई)
aajtak.in
  • श्रीनगर,
  • 24 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 8:21 AM IST
  • जम्मू-कश्मीर के 3 दिन के दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
  • 'नए उड़ानों की शुरुआत, कॉलेजों की नींव रखना नई बात नहीं'
  • ये सब वास्तविक समस्या का समाधान नहीं करतेः महबूबा मुफ्ती

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के 3 दिन के दौरे पर हैं और अपनी इस यात्रा के दौरान वह वहां के सुरक्षा हालात का जायजा लेने के अलावा विकास की कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रख रहे हैं, लेकिन उनकी इस परियोजनाओं के खिलाफ स्थानीय विपक्षी दल मुखर हैं और केंद्र शासित प्रदेश को संकट में डालने का आरोप भी लगाया है.

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पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि गृह मंत्री का श्रीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का उद्घाटन तथा नए मेडिकल कॉलेजों की नींव रखना कोई नई बात नहीं है. यूपीए सरकार ने आधा दर्जन मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए थे और अब काम कर रहे हैं. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और एक संकट को पैदा करते जम्मू-कश्मीर को अराजकता की स्थिति में डाल दिया गया है.

उन्होंने एक के बाद कई ट्वीट कर कहा कि यह संकट भारत सरकार की ओर से लाया गया है और समस्या को दूर करने के बजाय उन्होंने कॉस्मेटिक स्टेप्स का विकल्प चुना जो वास्तविक समस्या का समाधान नहीं करते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आदर्श रूप से गृह मंत्री की यात्रा इस साल जून में प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान केंद्र शासित प्रदेश के नेताओं को दिए गए आश्वासनों पर आगे की कार्रवाई से पहले होनी चाहिए थी.

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यात्रा से पहले 700 लोग हिरासत मेंः महबूबा

पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर की घेराबंदी को हटाने, कैदियों को रिहा करने, यहां के लोगों को दैनिक आधार पर होने वाले उत्पीड़न को समाप्त करने, अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस कदम उठाने जैसे कदमों से राहत की भावना प्रदान की होगी.

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी यात्रा से पहले 700 नागरिकों को हिरासत में लिया गया, पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया और कई को कश्मीर के बाहर की जेलों में स्थानांतरित कर दिया गया. इस तरह के दमनकारी कदम पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और बिगाड़ देते हैं.

एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि श्रीनगर-शारजाह उड़ान को लेकर आज घोषणा की गई है - क्या पाकिस्तान का मन बदल गया है और श्रीनगर से आने वाली उड़ानों को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति दे दी है? नहीं तो यह उड़ान भी खत्म हो जाएगी जैसे यूपीए 2 के दौरान श्रीनगर-दुबई फ्लाइट बंद हो गई थी.

पाकिस्तान द्वारा श्रीनगर से आने वाली उड़ानों को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देने से इनकार करने के कारण एसएक्सआर-डीएक्सबी उड़ान को दिल्ली में 'तकनीकी पड़ाव' लेना पड़ा या दक्षिण की ओर उड़ान भरनी पड़ी और पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के चारों ओर जाना पड़ा. इसने उड़ान ने लागत और समय दोनों के लिहाज से पूरी तरह से अव्यवहारिक बना दिया है.
 

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