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मायावती-अखिलेश की जीत पर खुश हुए फारूक अब्दुल्ला, कहा- बन सकती है नई सरकार

थर्ड फ्रंट महागठबंधन बनने की संभावना पर फारुख अब्दुल्ला ने कहा, 'मुझे उम्मीद है, महागठबंधन बनेगा और बनना भी चाहिए. सोनिया गांधी के यहां 19 पार्टियां एकत्रित हुई थीं. उन्होंने भी इसके बारे में सोचा होगा. यह गठबंधन होना चाहिए.'

फारूक अब्दुल्ला (फाइल फोटो) फारूक अब्दुल्ला (फाइल फोटो)
अजीत तिवारी/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने उत्तर प्रदेश उपचुनाव में अखिलेश यादव और मायावती के 'गठबंधन' को मिली जीत पर खुशी जताई है. अब्दुल्ला ने आजतक से बातचीत में कहा कि गठबंधन ने यह दिखा दिया है कि नई सरकार भी आ सकती है.

थर्ड फ्रंट महागठबंधन बनने की संभावना पर फारुख अब्दुल्ला ने कहा, 'मुझे उम्मीद है, महागठबंधन बनेगा और बनना भी चाहिए. सोनिया गांधी के यहां 19 पार्टियां एकत्रित हुई थीं. उन्होंने भी इसके बारे में सोचा होगा. यह गठबंधन होना चाहिए.'

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उन्होंने कहा कि देश के लिए महागठबंधन को मजबूत होना चाहिए, एकजुट होना चाहिए. सभी मिलकर काम करेंगे तभी थर्ड फ्रंट और मजबूत होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकने के सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि किसी को रोकने में कोई मुश्किल नहीं है अगर सभी इकट्ठे हो जाएं. महागठबंधन तब्दीली ला सकता है.

महागठबंधन का चेहरा कौन होगा इस सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि जब वक्त आएगा, चेहरा भी सामने आ जाएगा. देश को आगे ले जाने के लिए गठबंधन करना है. BJP के सहयोगियों के महागठबंधन में शामिल होने की बात पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि क्यों नहीं, वह भी आ सकते हैं. भगवान ऐसा चेहरा पैदा करेगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं क्या कोई छोटा चेहरा हूं?

फारुख अब्दुल्ला का कहना है कि मायावती और अखिलेश के इकट्ठा होने से यह साबित हो गया है कि अगर लोग मिलकर चुनाव लड़ें, इकट्ठा लड़ें तो जीत हो सकती है और इससे फायदा होगा. इसलिए 2019 के चुनाव के लिए भी सबको इकट्ठा होकर चुनाव लड़ना चाहिए. देश को आगे ले जाने में इसका फायदा होगा.

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इधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार ने कहा कि मोदी और योगी का जादू बरकरार है. उपचुनाव से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. पार्टी इस हार की समीक्षा करेगी. मोदी और योगी हमारे स्टार प्रचारक हैं और कर्नाटक समेत पूरे देश में प्रचार करेंगे. बजट सत्र 6 अप्रैल तक चलेगा, विपक्ष दुष्प्रचार कर रहा है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

वहीं, संत कबीर नगर से बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी ने कहा कि हम आत्मविश्वास और अतिउत्साह के कारण हारे. मायावती और अखिलेश का गठबंधन केवल राज्यसभा चुनाव के लिए है. चुनाव के पहले सीटों के बंटवारे पर गठजोड़ टूट जाएगा. हेमा मालिनी ने कहा कि हमारी पार्टी बड़ी पार्टी है. लेकिन ये हार चिंता का विषय है और हमारे बड़े नेता इस पर चिंतन करेंगे.

उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में मिली हार पर कहा कि अपने संस्कार के मुताबिक बीजेपी हार और जीत, दोनों में समीक्षा करती है. इस हार की वजह क्या रही. हम तमाम कारणों पर बैठकर समीक्षा करेंगे. देखते हैं कितने दिन बुआ और भतीजे का गठबंधन साथ चलता है.

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