
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार जवाहर लाल नेहरू और शेख अब्दुल्ला के नाम पर रखे गए संस्थानों के नाम बदल रही है, लेकिन उन्हें इतिहास से नहीं मिटाया जा सकता. फारूक ने कहा कि वे (सरकार) नाम बदलकर इतिहास नहीं बदल सकते. क्या वे इतिहास से शेख मोहम्मद अब्दुल्ला, जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी का नाम हटा सकते हैं?
समाचार एजेंसी के मुताबिक NCP प्रमुख ने कहा कि उन्होंने किताबों से मुगल शासन के चैप्टर हटा दिए, लेकिन वे इतिहास से मुगलों को कैसे मिटाएंगे? उन्होंने सवाल पूछा कि जब मेरे बच्चे और आपके बच्चे ताजमहल देखेंगे तो पूछेंगे कि इसे किसने बनाया? वे क्या कहेंगे?
फारूक के पिता शेख अब्दुल्ला के नाम पर चल रही परियोजनाओं और संस्थाओं का नाम बदलने के बारे में पूछे जाने पर श्रीनगर से लोकसभा सांसद ने कहा कि शेख मोहम्मद अब्दुल्ला लोगों के दिलों में रहते हैं. वे उन्हें वहां से नहीं हटा सकते.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर से शेख अब्दुल्ला का लोकप्रिय नाम 'शेर' हटा दिया है. जबकि दिल्ली में 14 अगस्त से आधिकारिक तौर पर नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी कर दिया गया है.
चीन द्वारा लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्जा करने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह जानते हैं कि चीनी हमारी जमीन पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 19 दौर की बातचीत हो चुकी है, वे कब वापस जाएंगे, मुझे नहीं पता.
इससे पहले 18 अगस्त को भी फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि जो नेता बीजेपी का हिस्सा नहीं हैं, उन नेताओं के नाम हटाकर इतिहास को दफनाया या बदला नहीं जा सकता है. वे नेहरू और इंदिरा गांधी का नाम हटा रहे हैं, वे हर उस नेता का नाम हटा रहे हैं जो उनका हिस्सा नहीं है, लेकिन इतिहास नहीं बदलता है.
फारूक ने कहा कि सरकार ने 800 साल के मुगल शासन के इतिहास को किताबों से हटा दिया है, "क्या इसका मतलब यह है कि मुगल यहां नहीं थे? उन्होंने कहा कि जब लोग लाल किले पर जाएंगे तो कहेंगे कि इसे किसने बनाया? जब वे जामिया मस्जिद, हुमायूं का मकबरा, सफदरजंग मकबरा, कुतुब मीनार देखेंगे, वे क्या कहेंगे? आप इतिहास को दफन नहीं कर सकते, इतिहास सामने आएगा. हम गायब हो जाएंगे, ये लोग दूसरों की तरह गायब हो जाएंगे, लेकिन इतिहास बना रहेगा.