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कश्मीर मुद्दे पर अब फारूक अब्दुल्ला ने खून से खत लिखने की कही बात, जानिए क्या है पूरा मामला

जम्मू-कश्मीर में पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला लगातार पाकिस्तान से बातचीत पर जोर दे रहे हैं. उन्होंने गुरुवार को एक बार फिर कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए दोनों देशों को साथ बैठकर बात करनी चाहिए. हालांकि उन्होंने इस दौरान बीजेपी पर हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने का भी आरोप लगाया.

फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से बातचीत पर दिया जोर (फाइल फोटो) फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से बातचीत पर दिया जोर (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:45 AM IST

नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर घाटी में आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान से बातचीत करने पर जोर दिया. मीडिया से उनसे पूछा कि क्या पाकिस्तान से बात करने से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो जाएगा?

इस पर उन्होंने कहा- मैं आपको अपने खून से लिखकर देने जा रहा हूं कि आतंकवाद अभी जिंदा है. यह तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक आप (केंद्र सरकार) पाकिस्तान से बात नहीं करेंगे. उन्होंने कहा,'हमें एक कोशिश करनी होगी लेकिन वे (बीजेपी सरकार) अनिच्छुक है क्योंकि उन्हें अपने वोट बैंक के लिए मुसलमानों और हिंदुओं को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के लिए नफरत फैलानी है.'

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अटल से भी एकजुट होने की कही थी बात

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने इससे पहले 17 जनवरी को भी यही बात कही थी. उन्होंने कहा था कि कश्मीर समस्या तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक दोनों देश एक साथ बैठकर समस्या का वास्तविक समाधान नहीं ढूंढते.

उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, 'कश्मीर की समस्या खत्म नहीं होगी और मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि आतंकवाद तब तक बना रहेगा, जब तक हम अपने पड़ोसी से बात नहीं करते और इस समस्या का वास्तविक समाधान नहीं निकालते.'

फारूक अब्दुल्ला ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी 1999 में पाकिस्तान की यात्रा करने से पहले उनकी राय मांगी थी, तब भी उन्होंने दोनों देशों के एकजुट होने की ही बात कही थी.

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संविधान में है कश्मीर समस्या का समाधान

फारूक अब्दुल्ला के इस बयान के बाद 18 जनवरी को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि कश्मीर समस्या का समाधान संविधान के ढांचे के भीतर है. हालांकि, किसी भी समाधान के लिए शुरुआती कदम यह है कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और राज्य का दर्जा बहाल हो.

महबूबा मुफ्ती ने कहा था, 'जम्मू-कश्मीर में सुलह के अलावा कोई रास्ता नहीं है, लेकिन इसके लिए शुरुआती कदम (पूर्व) राज्य से जो कुछ भी छीन लिया गया है, उसकी बहाली होगी.' 

पाक लगातार कर रहा बातचीत की पेशकश

पाकिस्तान लगातार कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए भारत से बातचीत की पेशकश कर रहा है. पिछले दिनों पीएम शहबाज शरीफ ने कहा था,‘भारतीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मेरा संदेश है कि आइए, हम बातचीत की मेज पर बैठें और कश्मीर जैसे ज्वलंत मुद्दों के हल के लिए गंभीरता से बातचीत करें. पाकिस्तान और भारत पड़ोसी देश हैं और उन्हें एक दूसरे के साथ ही रहना है.

भारत की दो टूट-पहले आतंकवाद खत्म करो

भारत ने पाकिस्तान के बातचीत के प्रस्ताव पर उसे जवाब दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि बातचीत के लिए आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण होना चाहिए. उन्होंने कहा- हम पहले भी कह चुके हैं कि भारत अपने हर पड़ोसी और पाकिस्तान से अच्छे पड़ोसी के रिश्ते चाहता है, लेकिन इसके लिए सही माहौल भी तो तैयार करना पड़ेगा. आतंकवाद और हिंसा के माहौल में बातचीत मुमकिन नहीं है.

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