
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला (National Conference President Dr. Farooq Abdullah) ने कहा कि सरकार को यह समझना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर के लोग चाहते क्या हैं. यहां के लोग चाहते हैं कि एक लोकप्रिय सरकार बने, यहां लोग अफसरशाही से तंग आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के गरीब तबके को रोजगार और अन्य क्षेत्रों में उचित हिस्सा मिले.
ओबीसी वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण क्यों नहीं
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला (National Conference President Dr. Farooq Abdullah) ने एक कार्यक्रम में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ओबीसी वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण क्यों नहीं है. यह भेदभाव है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार को यह समझना चाहिए कि ओबीसी वर्ग के लोग भी सभी प्रकार के आरक्षण और सुविधाओं के पात्र हैं. ओबीसी वर्ग के युवा भी पढ़े-लिखे हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण क्यों दिया जा रहा है. ओबीसी वर्ग के लोग भी गरीब और पिछड़े हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार को उच्च वर्ग के लोगों को आरक्षण देने पर भी विचार करना चाहिए. सभी समुदायों और वर्गों के गरीब लोगों को रोजगार और अन्य क्षेत्रों में उचित हिस्सा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें बताया गया था कि परिसीमन आयोग की रिपोर्ट 2022 के मार्च तक दी जाएगी. लेकिन अब लग रहा है कि पूरी परिसीमन प्रक्रिया में देरी हो रही है. सरकार को यह समझना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर के लोग चाहते हैं कि एक लोकप्रिय सरकार बने, क्योंकि वे अफसरशाही से तंग आ चुके हैं.
सच्चाई को दबाया जा रहा हैः फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की गंभीर समस्याओं को हल करने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है. सच्चाई को दबाया जा रहा है. यहां तक कि मीडिया को भी स्वतंत्र रूप से काम करने की आजादी नहीं है. फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि कश्मीरी पंडित घाटी से भाग गए हैं. इसके बारे में बात करने वाला कोई नहीं है.
उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी उचित सम्मान दिया जाना चाहिए. उन्हें भी जीवन के सभी क्षेत्रों में उचित हिस्सा दिया जाना चाहिए. वे भी सम्मान और हक के पात्र हैं. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि महिलाओं के विकास के बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं है.
इनपुट: नीरज