
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सेना की फायरिंग में दो पत्थरबाजों की मौत हो गई. करीब 200 से 250 पत्थरबाज सेना की काफिले को निशाना बना रहे थे. जवाबी कार्रवाई में सेना को फायरिंग करनी पड़ी, लेकिन इसके उलट जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सेना के मेजर समेत पूरी टुकड़ी पर एफआईआर दर्ज किया है.
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सेना की फायरिंग में 2 पत्थरबाजों की मौत के बाद सूबे का सियासी पारा एकाएक गरमा गया. राज्य सरकार के दो धड़े बीजेपी और पीडीपी ने बिल्कुल विपरित रुख अख्तियार कर सबको चौंका दिया.
सूत्रों के मुताबिक सेना की फायरिंग में 20 साल के जावेद और 24 साल के सुहैल की मौत से मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती खासा नाराज हैं. वहीं बीजेपी सेना की कार्रवाई को बिल्कुल जायज ठहराया रही है.
मामले में मजिस्ट्रेट स्तर की जांच
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भीड़ पर सेना की फायरिंग पर जांच बैठा दी. ये जांच मजिस्ट्रेट स्तर की हो रही है. हालांकि सेना खुद अपने स्तर पर फायरिंग की जांच कर रही है. इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फायरिंग करने वाली सेना की टुकड़ी पर FIR दर्ज कर ली है. धारा 302 (हत्या) और धारा 307 (हत्या की कोशिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
आत्मरक्षा में सेना ने की फायरिंग
सूत्रों के मुताबिक सेना ने आत्मरक्षा में फायरिंग की बात मानी है. 200 से 250 पत्थरबाजों ने सेना के 11 वाहनों को निशाना बनाया. ऐसे में पत्थबाजों से बचने के लिए गोलीबारी ही अंतिम उपाय था. उधर मौके की ताक पर बैठे अलगाववादियों ने आग में घी डालते हुए कश्मीर बंद का आह्वान करने में जरा भी देरी नहीं की.
पाकिस्तान ने की आलोचना
वहीं हर रोज सीजफायर का उल्लंघन करने वाले पाकिस्तान ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, ‘शांतिपूर्ण, निहत्थे प्रदर्शनकारियों का खतरनाक हथियारों से प्रतिरोध करना और उन पर गोली चलाना भारत द्वारा कश्मीरियों पर रोजाना किए जा रहे आतंकवाद का एक और प्रकटीकरण है.’ विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों के प्रति अपनी एकजुटता प्रकट करता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कश्मीर में मानवाधिकारों के व्यवस्थित उल्लंघन का संज्ञान लेने की अपील की है.
सूबे में जारी है तनाव
दो पत्थरबाजों की मौत के बाद सूबे में तनाव है. पुलवामा, अनंतनाग, कुलगाम और शोपिंया में इंटरनेट सेवा रोक दी गई है. कई इलाकों में धारा 144 लागू है और सुरक्षाबल मुस्तैद हैं. शांति बहाली की कोशिशें जारी हैं, पर सवाल उठता है कि महबूबा सरकार ने सेना की टुकड़ी पर एफआईआर दर्ज करने में हड़बड़ी क्यों दिखाई. आखिर मुख्यमंत्री ने जांच टीम की रिपोर्ट का इंतजार क्यों नहीं किया. कहीं ऐसे ना हो कि ये मुद्दा महबूबा और बीजेपी के बीच टकराव की वजह बन जाए.