
कश्मीर में रुक-रुक कर बारिश जारी रहने के बाद घाटी में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है. जबकि घाटी के दक्षिणी हिस्सों में पानी का स्तर घट रहा है. अधिकारियों ने शुक्रवार को दक्षिण कश्मीर में बाढ़ की चेतावनी जारी की थी. वहीं, शनिवार को राजधानी सहित मध्य कश्मीर के निचले इलाकों में भी बाढ़ की चेतावनी जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने तथा निकास के लिए तैयार रहने को कहा गया है. इस बीच राज्य में बाढ़ के चलते तीन लोगों की मौत की खबर है.
लोगों को सतर्क रहने की सलाह
बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'राम मुंशी बाग पर शनिवार सुबह 10 बजे पानी 18 फुट के खतरे के निशान से ऊपर 20.87 फुट पर बह रहा था. झेलम नदी और अन्य नदियों के तटबंधीय इलाकों में रहने वालों और मध्य कश्मीर के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों का सतर्क रहने की सलाह दी गई है.'
अधिकारी ने कहा, 'मध्य कश्मीर में बाढ़ संबंधी कार्य के लिए तैनात कर्मियों को अपने सेक्टर एवं बीट्स में रिपोर्ट करने को कहा गया है. श्रीनगर के उपायुक्त सैयद आबिद राशीद शाह ने कहा कि निचले इलाके और श्रीनगर में झेलम नदी के तट पर रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और निकास के लिए तैयार रहने का अनुरोध किया गया है. श्रीनगर के निचले इलाकों में हमने बाढ़ संबंधी चेतावनी जारी की है.
बता दें, तवी नदी में शुक्रवार को अचानक जलस्तर बढ़ गया था. इसमें छह मछुआरे फंस गए थे. जिनको काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया था.
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसके बाद एहतियातन आज अमरनाथ यात्रा पूरी तरह से रोक दी गई है. खराब मौसम को देखते हुए श्रद्धालुओं को जम्मू कैंप पर ही रोका गया है. अधिकारियों ने बताया कि कई जगहों पर भूस्खलन की वजह से काली माता ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है जिसकी वजह से बालटाल मार्ग से अमरनाथ यात्रा को रोकनी पड़ी है.
राज्यपाल ने की समीक्षा
वहीं, कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य की नदियों और जलधाराओं के बढ़ते जलस्तर से बने हालात की समीक्षा की. उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि वह किसी भी संकट की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें.
राजभवन के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य सचिव ने वोहरा को यह जानकारी भी दी कि पुलिस, सेना, केंद्रीय सैन्य पुलिस बल, एनडीआरएफ और नागरिक प्रशासन समेत संबद्ध एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था बनाई गई है.