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'युवाओं को रोजगार दो नशा नहीं', J-K में डिपार्टमेंटल स्टोर पर बीयर बेचने के फैसले का खुला विरोध

J-K में शिवसेना, बजरंग दल और भाजपा के लोग प्रशासन के एक फैसले का विरोध कर रहे हैं. यह फैसला डिपार्टमेंटल स्टोर में बीयर बेचने से जुड़ा हुआ है. दरअसल राज्य में प्रशासन ने बीयर बेचने की अनुमति का फैसला लिया है. शिवसैनिक और तमाम हिंदू दल इसे रोल बैक करने की मांग कर रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं.

सुनील जी भट्ट
  • जम्मू,
  • 11 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 6:47 PM IST

जम्मू-कश्मीर प्रशासन का एक फैसला इन दिनों विवादों में है. दरअसल राज्य में डिपार्टमेंटल स्टोर्स में बीयर और ऐल्कोहॉल युक्त ड्रिंक्स उपलब्ध कराने को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. शिवसेना की जम्मू कश्मीर इकाई इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रही है. शिवसेना ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से तत्काल प्रभाव से अपने इस फैसले को रोल बैक करने की मांग की है.

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शिवसैनिकों ने किया फैसले का विरोध

पार्टी प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी के नेतृत्व में एकत्रित शिव सैनिकों ने पार्टी मध्यवर्ती कार्यालय जम्मू के पास हाथों में मशाल‌ एवं 'युवाओं को रोजगार दो नशा नहीं', 'मंदिरों के शहर की गरिमा कायम रखो' आदि प्लेकार्ड पकड़ जम्मू कश्मीर प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. साहनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिरों, ऋषि-मुनियों, देवी-देवताओं और पीर पैगंबरों की धरती पर मदिरा की नदियां बहाने और छोटे-मझोले दुकानदारों का धंधा बंद करने के साथ युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ की साजिशें रची जा रही हैं.‌

तत्काल फैसला वापस लेने की मांग

साहनी ने कहा कि प्रदेश के स्थानीय लोगों के साथ लगातार विश्वासघात हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला प्रदेश में खुल रहे बड़े व्यापारियों के बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर्स को फायदा पहुंचाने की एक सोची समझी साजिश है. जिसे शिवसेना कतई सहन नहीं करेगी और इसके खिलाफ एक विशाल जन आंदोलन होगा. साहनी ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से तत्काल प्रभाव से इस फैसले को रोल बैक करने की मांग की है. इस मौके पर महासचिव विकास बख्शी, अध्यक्ष कामगार विंग राज सिंह, युवा सचिव राजेश‌ हांडा, सचिव मंगू राम, विशाल, गारु राम, सुशील समेत कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे.

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बजरंग दल ने भी किया फैसले का विरोध

विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें (फोटो क्रेडिट- नीरज)

शिवसेना के अलावा भाजपा ने भी विरोध किया और राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ता भी जम्मू-कश्मीर में डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर बीयर और अन्य पेय पदार्थों की बिक्री की अनुमति देने के प्रशासन के फैसले पर जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए, राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की.

LG की अध्यक्षता में पारित हुआ प्रस्ताव

बता दें कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद (Administrative Council) ने शहरी क्षेत्रों में बीयर और अन्य रेडी टू ड्रिंक (RTD) पेय बेचने के लिए डिपार्टमेंटल स्टोर्स को अधिकृत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इस बैठक में राजीव राय भटनागर, उपराज्यपाल के सलाहकार और डॉ अरुण कुमार मेहता, मुख्य सचिव शामिल हुए.

क्या है फैसला?

प्रशासनिक परिषद ने जम्मू और कश्मीर शराब लाइसेंस और बिक्री नियम, 1984 और उत्पाद नीति, 2023-24 में उदार प्रावधानों को शामिल करने के लिए लाइसेंस जेकेईएल -2ए के लिए डिपार्टमेंटल स्टोर्स में बीयर और रेडी टू ड्रिंक (आरटीडी) पेय पदार्थों की खुदरा बिक्री के लिए मंजूरी दे दी. 

ड्रिंक बेचने के लिए इन मानकों को करना होगा पूरा

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गौरतलब है कि यह ड्रिंक बेचने के लिए कुछ मानक तय किए गए हैं. जिनमें एक कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में डिपार्टमेंटल स्टोर, सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित, न्यूनतम 1200 वर्ग का क्षेत्र जैसी शर्तों को पूरा करना शामिल है. जम्मू और श्रीनगर शहरों में न्यूनतम 5 करोड़ का वार्षिक कारोबार और अन्य शहरी क्षेत्रों में स्टोर के लिए 2 करोड़ योजना के तहत पात्र होंगे. इसके अलावा, 10 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक कारोबार वाले डिपार्टमेंटल स्टोर की श्रृंखला अपने प्रत्येक स्टोर के लिए अलग लाइसेंस के लिए आवेदन करने करने के पात्र होंगे. साथ ही डिपार्टमेंटल स्टोर आवेदन की तारीख से कम से कम 12 महीने पहले से मौजूद नहीं होना चाहिए. 

इसके अलावा डिपार्टमेंटल स्टोर्स को किराना आइटम सहित कैटेगरी की कम से कम छह वस्तुओं की बिक्री करनी चाहिए. जैसे कि फ्रोजेन खाद्य पदार्थ, हलवाई की दुकान / बेकरी आइटम, प्रसाधन सामग्री, घरेलू सामान, बर्तन, खेल सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कपड़े और स्टेशनरी. इसके अलावा, उक्त निर्णय के अनुसार पेट्रोल पंपों पर चल रहे डिपार्टमेंटल स्टोर के लिए लाइसेंस देने के लिए किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा.

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