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गुजरात में गहराया जलसंकट, नर्मदा कैनाल पर तैनात किए गए पानी के पहरेदार

आमतौर पर पुलिस और सुरक्षा जवानों की ये टीम किसी आपदा के वक्त पर ही सुरक्षा के लिए तैनात की जाती है. लेकिन इन जवानों को फिलहाल मॉर्डन हथियार के साथ पूरी सतर्कता से पानी की चोरी रोकने के लिए तैनात कर दिया गया है.

तैनात किए गए पानी के पहरेदार तैनात किए गए पानी के पहरेदार
केशवानंद धर दुबे/गोपी घांघर/मोनिका गुप्ता
  • अहमदाबाद,
  • 09 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST

गुजरात में जलसंकट गहरा हुआ है. सरदार नर्मदा बांध से लगातार कम होते जलस्तर कि वजह से अब गुजरात में पानी पहुंचाने वाले मुख्य कैनाल पर पानी के पहरेदार तैनात रहेंगे. ये बंदूक के दम पर पानी की चोरी रोकेंगे. बता दें कि पानी के पहरेदार नर्मदा कैनाल में पानी की डाली गई पाइपलाइन को काट रहे हैं.

किसानों ने शुरू किया विरोध

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दरअसल, नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध में फरवरी में पिछले 20 साल का सब से कम लेवल दर्ज हुआ है. बांध में कुल 111 मीटर पानी दर्ज किया गया है. इसके बाद सरकार ने ये ऐलान किया है कि कैनाल से सिंचाई के लिए किसान को पानी नहीं दिया जाएगा. सरकार के इस ऐलान के बाद जो किसान पाइप के जरिए मुख्य कैनाल से पानी ले रहे थे, उनपर अब पहरा लग गया है. इसके बाद किसानों ने विरोध शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि चाहे वो गोली मार दें लेकिन हम पानी लेकर ही रहेंगे.

पानी की चोरी रोकने के लिए तैनात किए जवान

आमतौर पर पुलिस और सुरक्षा जवानों की ये टीम किसी आपदा के वक्त पर ही सुरक्षा के लिए तैनात की जाती है. लेकिन इन जवानों को फिलहाल मॉर्डन हथियार के साथ पूरी सतर्कता से पानी की चोरी रोकने के लिए तैनात कर दिया गया है.

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दरअसल, ये नर्मदा बटालियन के जवान हैं, जो आमतौर पर सरदार सरोवर बांध सुरक्षा में तैनात किए जाते हैं. जल संकट के चलते इन जवानों को पूरी 460 किलोमीटर लंबी मुख्य कैनाल पर तैनात किया गया है. जो गुजरात के 22 जिलों में नर्मदा से लेकर उत्तर गुजरात, मध्य गुजरात और सौराष्ट्र तक फैली हुई है. बता दें कि पानी कि चोरी को इसलिए रोका जा रहा है कि गुजरात में पीने के पानी का संकट पैदा ना हो.

तैनात किए गए जवानों के चलते किसान फसल सूखने पर भी नर्मदा कैनाल से पानी नहीं ले पा रहे हैं. हालांकी नर्मदा कैनाल को इसीलिए बनाया गया था कि किसान इसका सिंचाई में इस्तमाल कर पाएं. लेकिन पानी के ये पहरेदार अब किसानों से उनकी ये उम्मीद छीन रहे हैं.

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