
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए बने गुपकार गुट की एकता में दरार पैदा हो गई है. डीडीसी चुनावों में उतरने जा रही कांग्रेस ने कई सीटों पर पीडीपी कैंडिडेट के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिए हैं.
अंग्रेजी वेबसाइट द हिंदू की खबर के मुताबिक डीडीसी चुनावों के दूसरे फेज के मतदान के लिए त्राल, लरनू, केल्लर, तंगधार में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है. लेकिन इससे पहले गठबंधन ने फैसला किया था कि यहां पर पीडीपी के उम्मीदवार उतारे जाएंगे.
सेंट्रल कश्मीर के बडगाम में पीडीपी के जिला अध्यक्ष नजीर अहमद खान ने नामांकन किया है, जबकि गुपकार की बैठक में फैसला किया गया था कि इस सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस का उम्मीदवार पर्चा भरेगा. नजीर अहमद खान ने कहा है कि संगठन ने उसे पत्र सौंपा था और उसे ही उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन ऐन मौके पर मेरी उम्मीदवारी हटा दी गई और ये सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस को दे दी गई. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरकर मैंने कोई गलती की है.
पीड़ीपी के एक नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस दक्षिण कश्मीर में पीडीपी के खिलाफ उम्मीदवार उतार रही है. इस शख्स ने कहा, "कांग्रेस यहां पूरी तरीके से गेम बिगाड़ रही है, ऐसा लगता है कि कांग्रेस का सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता सिर्फ नेशनल कॉन्फ्रेंस से हुआ है."
हालांकि कांग्रेस के नेता गठबंधन धर्म निभाने का दावा कर रहे हैं. द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक गुलाम नबी मोगा ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन के प्रति प्रतिबद्ध है.
पूर्व विधायक गुलाम नबी मोगा ने कहा कि ये भ्रामक रिपोर्ट है, बीजेपी मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रही है, अगर किसी कांग्रेस उम्मीदवार ने पर्चा भर भी दिया है तो उसे अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए कहा जाएगा. या उसे गठबंधन के उम्मीदवार को समर्थन करने को कहा जाएगा.
उन्होंने कहा कि गठबंधन के दलों को ऐसी छोटी-मोटी कमियों को दूर करने की जरूरत है. बता दें कि गुपकार अलायंस के साथ कांग्रेस ने भी शामिल होने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि अभी कांग्रेस का गुपकार दलों के साथ चुनावी समझौता है. विचारधारा के स्तर पर समर्थन के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता बैठेंगे, तभी इस मसले पर आगे फैसला लिया जाएगा.