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अनंतनाग में हिजबुल के दो आतंकवादी मारे गए, पिछले साल एक सुरक्षाकर्मी और दो नागरिकों की कर दी थी हत्या

जम्मू और कश्मीर में आतंकी नागरिकों को अपना निशाना बना रहे हैं. सीमा पार करना अब उनके लिए मुश्किल हो गया है इसलिए वे घाटी के युवाओं को ही भड़काकर उन्हें देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कर रहे हैं. वहीं सुरक्षाबल भी आतंकियों को उनके मंसूबों में सफल नहीं होने दे रहे. वे लगातार अभियान चलाकर उनकी हर कोशिश को नाकाम कर रहे हैं.

अनंतनाग में मारे गए दो आतंकवादियों की हो गई पहचान (फोटो-ANI) अनंतनाग में मारे गए दो आतंकवादियों की हो गई पहचान (फोटो-ANI)
अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 06 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. आतंकवादियों के साथ जारी एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने मंगलवार को दो आतंकियों को ढेर कर दिया. इसके साथ ही सर्च ऑपरेशन जारी है.

एडीजीपी कश्मीर ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान दानिश भट उर्फ कोकब दुरी और बशारत नबी के रूप में हुई है. दोनों प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े हैं. दोनों 9 अप्रैल 2021 को एक सुरक्षाकर्मी की हत्या और 29 मई 2021 को जबलीपोरा में दो नागरिकों की हत्या में शामिल थे.

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पहली बार आतंकियों के पास से मिले Sticky bombs

बारामूला के सोपोर में सुरक्षाबलों ने 3 सितंबर को एक 'हाइब्रिड'आतंकी साकिब शकील डार के पास से 'स्टिकी बम' (Sticky Bombs) बरामद किए थे. वहीं पुलिस ने दावा किया था कि सोपोर में पहली बार उन्हें स्टिकी बम बरामद हुए हैं.

सोपोर के पुलिस अधीक्षक शब्बीर नवाब के मुताबिक स्टिकी बम एक तरह का एक चुंबकीय बम है. बम पर एक चिपचिपा पदार्थ लगा हुआ होता है जो कि गाड़ियों पर आसानी से चिपक जाता है. ऐसे बमों को रिमोट के जरिए दूर से भी कंट्रोल किया जा सकता है. ये आकार में बेहद छोटे होते हैं. यह बम काफी घातक होता है.

सोपोर में आतंकी ढेर, नागरिक थे निशाने पर

सोपोर में 31 अगस्त को हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बल ने दो आतंकियों को मार गिराया था. दोनों आतंकी जैश ए मोहम्मद आतंकवादी संगठन से जुड़े थे. कश्मीर पुलिस के मुताबिक, मारे गए आतंकियों की पहचान मोहम्मद रफी और केसर अशरफ के नाम से हुई था.

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रफी सोपोर का ही रहने वाला था, अशरफ पुलवामा का था. आतंकी रफी पर पहले दो बार PSA (पब्लिक सेफ्टी एक्ट) के तहत केस दर्ज हो चुका है. दोनों आतंकी जम्मू-कश्मीर में हुई कुछ आतंकी घटनाओं में शामिल रहे हैं, ऐसा भी कश्मीर पुलिस ने बताया. ADGP के मुताबिक, अब सोपोर में इनके निशाने पर आम नागरिक थे. 

पकड़े गए पाक आतंकी की हार्ट अटैक से मौत

राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में 21 अगस्त को घुसपैठ के दौरान पाकिस्तानी आतंकवादी तबरक हुसैन (32) गिरफ्तार किया गया था. हालांकि घुसपैठ के दौरान सुरक्षाबलों की फायरिंग से आतंकी तबारक घायल हो गया था. 4 सितंबर को अस्पताल में हार्ट अटैक आने से उसकी मौत हो गई है.

इलाज के दौरान आतंकी ने इंडिया टुडे-आजतक को बताया था कि उसे जम्मू-कश्मीर में फिदायीन आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की सेना ने भेजा था. वह पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के कोटली के सब्ज़कोट गांव का रहने वाला है. 

उसे और उसके साथियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एक कर्नल ने भेजा था. इसके लिए उन्हें 30,000 रुपये (पाकिस्तानी मुद्रा) दिए गए थे. हुसैन ने यह भी खुलासा किया था कि उसने अपने साथियों के साथ 2 से 3 भारतीय चौकियों की रेकी की थी.

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