
आजतक के स्टिंग 'ऑपरेशन हुर्रियत' से बेनकाब होने के बाद अलगाववादी नेताओं की हालत खस्ता दिख रही है. इस खुलासे के बाद हुर्रियत नेताओं को घाटी में अपनी जमीन खोने का डर है. हुर्रियत नेताओं को डर है कि अब लोग उन पर विश्वास नहीं करेंगे. यही कारण है कि हुर्रियत नेता नईम खान को हुर्रियत से बाहर किया जा सकता है.
सूत्रों की मानें तो हुर्रियत ने अपने सभी नेताओं को मीडिया से दूर रहने को कहा है. आपको बता दें कि आज तक के स्टिंग ऑपरेशन हुर्रियत के खुलासे के बाद नईम खान प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ कर भाग गये थे. इससे पहले 'ऑपरेशन हुर्रियत' से बेनकाब होने के बाद अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने नईम खान को हुर्रियत से सस्पेंड कर चुके हैं.
इससे पहले शनिवार को आजतक के एक सवाल पर भड़का नईम खान प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर भाग निकला. इस दौरान उसने पाकिस्तान से मदद की बात भी स्वीकार की. वहीं, जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के चेहरे बेनकाब होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हुर्रियत नेताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है.
NIA ने हुर्रियत नेताओं को तलब कर चुका है. जांच एजेंसी ने तरहीक-ए-हुर्रियत के नेता नईम खान, फरूक अहमद डार उर्फ विट्टा कराटे और गाजी जावेद बाबा को समन जारी कर पेश होने को कहा है. ऑपरेशन हुर्रियत से बौखलाए हुर्रियत नेता नईम खान ने कहा, 'मैं भारतीय मीडिया के प्रति जिम्मेदार नहीं हूं. मैं हुर्रियत नेताओं और स्थानीय मीडिया के प्रति जिम्मेदार हूं.' उसने स्टिंग वीडियो को बनावटी और प्रोपेगैंडा करार दिया था.
क्या था स्टिंग में..?
दरअसल इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम (SIT) ने अपनी तहकीकात में पत्थरबाजों के धूर्त फाइनेंसर्स को बेनकाब किया था. ये हमेशा माना जाता रहा है कि कश्मीर घाटी में गर्मियों में फैलाई जाने वाली गड़बड़ी के तार सरहद पार बैठे स्पॉन्सर्स से जुड़े होते हैं. लेकिन पहली बार इंडिया टुडे को इस संबंध में पुख्ता सबूत जुटाने में कामयाबी मिली है. इन सबूतों से साफ होता है कि घाटी में दिखाए जाने वाले गुस्से की स्क्रिप्ट किस तरह पाकिस्तान लिखता है. साथ ही घाटी के असली खलनायकों का काले चिट्ठे का भी खुलासा होता है.
हुर्रियत के गिलानी धड़े का प्रांतीय अध्यक्ष नईम खान से इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम के अंडर कवर रिपोर्टर्स ने संपर्क साधा और खुद को काल्पनिक धनकुबेर बताते हुए कश्मीर के अलगाववादियों को फंडिंग की इच्छा जताई. नईम फिर चोरी छुपे ढंग से अंडर कवर रिपोर्टर्स से मिलने दिल्ली तक पहुंच गया. नईम ने जो खुलासे किए वो चौंकाने वाले थे.