
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. फारूक ने सोमवार को अलगाववादी हुर्रियत नेताओं से कहा कि वो एक बैनर के नीचे एकजुट हों. फारूक ने साथ ही कहा कि ऐसे हालात में उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस भी उनके साथ है.
फारूक अपने पिता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 111वीं जयंती पर उनकी कब्र पर नेशनल कॉन्फ्रेंस कार्यकर्ताओं को कश्मीरी भाषा में संबोधित कर रहे थे. फारूक ने कहा, 'मैं इन हुर्रियत नेताओं से भी कहता हूं कि आप अलग रास्तों पर मत चलिए. एकजुट हों. वैसे कश्मीर के हक के लिए हम भी आपके साथ खड़े हैं. हमें अपना दुश्मन मत समझें. हम आपके साथ खड़े हैं लेकिन हम गलत चीज का साथ नहीं देते. हमने कश्मीर के लिए बहुत संघर्ष किया है. जिंदगी खपा दी. आज मैं आपको इस मुकद्दस जगह से कहना चाहता हूं कि आप आगे बढ़िए, हम आपके साथ खड़े हैं. जब तक आप सही रास्ते पर चलते रहेंगे, हमें अपने साथ पाएंगे. आपका रवैया सही रहना चाहिए और कश्मीरी कौम को आगे बढ़ाने वाला होना चाहिए.'
फारूक ने अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, 'जो आग यहां हैं उसे दबाया नहीं जा सकता. जब तक हिंदुस्तान और पाकिस्तान हमारे साथ इंसाफ नहीं करेंगे तब तक इस आग को दबाया नहीं जा सकता. इन्हें जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ इनसाफ करना ही होगा. जितना ये लोग आग को दबाने की कोशिश करेंगे, उतना ये और बढ़ेगी'.
फारूक ने कहा कि वो अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहना चाहते हैं कि वो इस मूवमेंट से खुद को अलग ना रखें. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमेशा इस राज्य के लिए कुर्बानी दी है. फारूक ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में हुर्रियत वाले बयान को स्पष्ट करने के लिए कहा तो उनका जवाब था 'मैं हुर्रियत के साथ हूं या खिलाफ हूं, वो बात नहीं है. ये जो एजुकेशन है कि जो कश्मीर के लोगों के लिए अपने हक चाहने की बात कर रहा है, नेशनल कॉन्फ्रेंस उस हक के सामने उसके साथ है. जहां तक वो हक की बात करता है तो हम उसके साथ हैं, खिलाफ नहीं हैं. ना पहले कभी थे और ना अभी हैं.'
भारत-पाक संबंधों और कश्मीर से जुड़े एक सवाल के जवाब में फारूक ने कहा, 'जहां तक मैं समझता हूं कि भारत सरकार के प्रधानमंत्री चाहते हैं कि किसी ना किसी तरीके से इस मसले को हल किया जाए. और मुझे उम्मीद है कि वो एक ना एक दिन पाकिस्तान से बातचीत करेंगे. इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है.' फारूक ने सीमा पर भारत और पाकिस्तान को संयम बरतने के लिए भी कहा. फारूक के मुताबिक सीमा पर टकराव से दोनों तरफ के लोगों को नुकसान सहना पड़ता है.