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J&K: बारामूला में लश्कर के दो हाइब्रिड आतंकी अरेस्ट, कश्मीरी पंडित-स्थानीय नेता थे इनके निशाने पर

कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार के मुताबिक मई में सुरक्षाबलों ने 27 आंतकी मार गिराए. इनमें से 17 स्थानीय और 10 पाकिस्तानी थे. इतना ही नहीं 22 आतंकी मई में गिरफ्तार किए गए हैं. पुलिस ने 5 टेरर मॉड्यूल का खुलासा भी किया गए.

बारामूला के स्थानीय युवकों को लश्कर ने बना दिया आतंकी बारामूला के स्थानीय युवकों को लश्कर ने बना दिया आतंकी
अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 11 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST
  • घाटी के युवाओं को तेजी से बनाया जा रहा आतंकी
  • ऑनलाइन ही दी जा रही आतंकी हमले की ट्रेनिंग

कश्मीर में आतंकवादियों की गतिविधियों को खत्म करने के लिए सुरक्षाबल लगातार अभियान चल रहे हैं. इसी के चलते पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया है. एसएसपी बारामूला रईस मोहम्मद भट्ट ने बताया कि दोनों हाइब्रिड आतंकी हैं, जो हाल में ही आतंकी संगठन में शामिल हुए थे. ये स्थानीय नेताओं और अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला करने की फिराक में थे.

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दक्षिण कश्मीर में भी सक्रिय हैं हैंडलर

एसएसपी ने बताया कि दोनों की पहचान 23 साल के इरशाद अहमद मीर और 18 साल के जाहिद बशीर के रूप में हुई है. दोनों ही बारामूला के नेहालपोरा के रहने वाले हैं. उनके पास से पुलिस को 2 पिस्टल, 18 जिंदा कारतूस, 3 मैगजीन की पिस्टल बरामद हुई हैं. उन्होंने बताया कि आतंकी हैंडलर उत्तर के साथ-साथ दक्षिण कश्मीर में भी ऐक्टिव हैं.

पिछले महीने लापता हो गए थे दोनों

पुलिस ने बताया कि नेहालपोरा के पट्टन में रहने वाले इरशाद मीर की पिछले महीने 9 मई को लापता होने की सूचना मिली थी. जांच के दौरान पता चला कि वह लश्कर के एक मॉड्यूल के जरिए आतंकवादी रैंक में शामिल हो गया है.

इसके बाद 20 मई को जाहिद बशीर लापता हो गया था. पता चला कि आतंकवादियों ने उसे अपने साथ शामिल होने का लालच दिया था.

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इसके बाद 10 जून घाट पल्हालन के इलाके में दोनों आतंकवादियों के होने की जानकारी मिली. इसके बाद बारामूला पुलिस और 29 आरआर की संयुक्त टीमों ने शुक्रवार शाम को दोनों को पकड़ लिया.

इन्हें कहा जाता है हाइब्रिड आतंकी?

हाइब्रिड आतंकी ऐसे स्थानीय युवक हैं, जिनका पुराना आपराधिक रिकार्ड नहीं है. ये स्थानीय युवक पिस्टल लेकर आते हैं और हमला करके फरार हो जाते हैं और सामान्य जीवन जीने लगते हैं. ऐसे में इनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है. इन्हीं दहशतगर्दों को हाइब्रिड आतंकी कहा जा रहा है. ज्यादातर केसों में यह आतंकी स्थानीय होते हैं.

इन आतंकियों को ऑनलाइन ही भर्ती किया जाता है. इन्हें ऑनलाइन ही ट्रेनिंग दी जाती है. इसके बाद इन्हें हमला करने के लिए भेजा जाता है. आतंकी 1-2 की संख्या में हमले को अंजाम देते हैं. जबकि इससे पहले जो आतंकी घटनाओं के वीडियो सामने आते थे, उनमें 3-4 आतंकी शामिल होते थे और एके-47 जैसे बड़े और आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करते थे.

ऐसे आतंकियों ने मई में की थी टारगेट किलिंग

कश्मीर आईजी ऑफ पुलिस विजय कुमार ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया था कि मई में टारगेट किलिंग की चार घटनाओं में से तीन घटनाओं को हाइब्रिड आतंकियों ने अंजाम दिया. ये आतंकी हमले से सिर्फ 10-15 दिन पहले संगठन में शामिल हुए थे. उन्होंने बताया था कि आतंकी संगठन इंटरनेट के जरिए स्थानीय युवकों को लुभाकर आतंकी बना रहे हैं.

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श्रीनगर-बारामूला हाईवे पर मिला आईईडी

सुरक्षा बलों को शनिवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर-बारामूला हाईवे के किनारे एक संदिग्ध बैग होने की सूचना मिली. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बम निरोधक दस्ते ने जब बैग को खोलकर देखा तो उसमें आईईडी मिला, जिसे बाद में निष्क्रिय कर दिया गया.

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