
जम्मू कश्मीर को नया मुख्यमंत्री मिल गया है. बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सीएम पद की शपथ ले ली है. श्रीनगर के डल झील किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया ब्लॉक का पावर शो भी देखने को मिला है. लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी गांधी से लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने भी मौजूदगी दर्ज कराई है. हालांकि, महबूबा ने मीडिया से बातचीत में NC सरकार को अपना चुनावी वादा दिलाया और उसे पूरा करने की शर्त रख दी है.
अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली सरकार बनी है. उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. नौशेरा से विधायक सुरिंदर चौधरी को डिप्टी सीएम बनाया गया है. चौधरी ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना को चुनाव हराया था. वे जम्मू इलाके के नौशेरा से जीतकर आए हैं. हालांकि, अलायंस में शामिल कांग्रेस, उमर सरकार का हिस्सा नहीं बनी और बाहर से समर्थन करने का फैसला लिया है. विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस दोनों साथ लड़े थे. आज कांग्रेस कोटे से कोई भी सरकार में शामिल नहीं हुआ.
पीएम मोदी ने दी उमर को बधाई
उमर के सीएम बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर उमर अब्दुल्ला जी को बधाई. लोगों की सेवा करने के उनके प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं. केंद्र, जम्मू-कश्मीर की प्रगति के लिए उनके और उनकी टीम के साथ मिलकर काम करेगा.
इंडिया ब्लॉक के यह नेता उपस्थित रहे...
शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया ब्लॉक के नेताओं का शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, नेशनल कॉन्फ्रेस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, सीपीआई नेता डी राजा, एनसीपी (शरद पवार) की राज्यसभा सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी, प्रकाश करात समेत इंडिया ब्लॉक के बड़े नेता मौजूद रहे.
इंडिया ब्लॉक के सामने दोहरी चुनौती...
दरअसल, उमर अब्दुल्ला शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए इंडिया ब्लॉक के सभी सहयोगियों को न्योता भेजा गया था. हरियाणा में मिली हार के बाद कांग्रेस इसे गठबंधन की ताकत और एकता दिखाने के अवसर के रूप में देख रही है. क्योंकि अब इंडिया ब्लॉक के सामने दोहरी चुनौती आ गई है. झारखंड में JMM के नेतृत्व वाली सरकार अपनी वापसी के लिए ताकत लगा रही है तो महाराष्ट्र में इंडिया ब्लॉक के सामने लोकसभा जैसा प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है. दोनों ही राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है. यह तारीख जम्मू-कश्मीर और अब्दुल्ला के लिए खास हो गई है. क्योंकि 10 साल बाद चुनी हुई सरकार पावर में आई है. उमर अब्दुल्ला अब दूसरी बार जम्मू-कश्मीर के सीएम के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे हैं.
किन नेताओं को न्योता भेजा गया था?
- राहुल गांधी (विपक्ष के नेता, कांग्रेस)
- मलिकार्जुन खड़गे (अध्यक्ष, कांग्रेस)
- ममता बनर्जी (मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल)
- शरद पवार (अध्यक्ष, एनसीपी)
- अखिलेश यादव (अध्यक्ष, सपा)
- लालू प्रसाद यादव (राजद)
- एमके स्टालिन (डीएमके)
- उद्धव ठाकरे (शिवसेना)
- हेमंत सोरेन (झामुमो)
- महबूबा मुफ्ती (पीडीपी)
- भगवंत मान (मुख्यमंत्री, पंजाब)
- अरविंद केजरीवाल (आप)
'कांग्रेस के साथ सब कुछ ठीक है...'
वहीं, कांग्रेस के सरकार में शामिल नहीं होने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, कांग्रेस कैबिनेट से बाहर नहीं है. यह उन्हें तय करना है और हम उनके साथ चर्चा कर रहे हैं. अभी मैं मंत्रिपरिषद में सभी 9 पदों को नहीं भरूंगा. क्योंकि हम कांग्रेस के साथ बातचीत कर रहे हैं. एनसी और कांग्रेस के बीच सब कुछ ठीक है. अन्यथा खड़गे जी, राहुल जी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता यहां नहीं आते. उनकी उपस्थिति इस बात का संकेत है कि गठबंधन मजबूत है और हम (राज्य के) लोगों के लिए काम करेंगे.
'हम नाखुश हैं, इसलिए...'
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा, कांग्रेस पार्टी फिलहाल जम्मू-कश्मीर सरकार के मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं हो रही है. कांग्रेस ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की पुरजोर मांग की है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने भी चुनावी रैलियों में बार-बार इसका वादा किया है, लेकिन जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया गया है. हम नाखुश हैं इसलिए हम फिलहाल मंत्रालय में शामिल नहीं हो रहे हैं. कांग्रेस पार्टी राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ाई जारी रखेगी.
'राज्य का दर्जा बहाल किया जाए'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, मैं यहां उन्हें बधाई देने आया हूं. हमें खुशी है कि हमारा गठबंधन सहयोगी सीएम बना और लंबे समय के बाद यहां लोकतंत्र स्थापित हुआ है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यहां राज्य का दर्जा बहाल हो.
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, (यहां सरकार बनाना) महत्वपूर्ण था और अधिकार मिलना उससे भी ज्यादा जरूरी है.
'पहले निंदा प्रस्ताव पास करे उमर सरकार'
उमर के शपथ ग्रहण में शामिल होने आईं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इशारों में नई सरकार के सामने शर्त रख दी. मीडिया से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा, जम्मू कश्मीर को बहुत साल बाद अपनी एक सरकार मिली है. लोगों ने सरकार चुनी है. जम्मू कश्मीर के लिए यह मुश्किल दौर है. खासकर 2019 के बाद लोगों को बहुत जख्म लगे हैं. उम्मीद करते हैं कि जो नई सरकार बनी है, वो लोगों के जख्मों पर मरहम लगाएगी. सबसे पहले सदन में 2019 के फैसले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करना चाहिए.
महबूबा का कहना था कि 5 अगस्त 2019 के फैसले से लोगों को जो मुश्किलें हुई हैं और तकलीफ हुई है, उसके बारे में सबसे पहले प्रस्ताव पास किया जाए कि हम उस फैसले की निंदा करते हैं, ताकि देश को एक मैसेज दिया जाए कि जम्मू कश्मीर के लोग उस फैसले को नहीं मानते हैं. इसके अलावा, जो हमारे यहां बेरोजगारी और ड्रग एडिक्शन और बिजली की समस्या है, उनका हल ढूंढा जाए. जम्मू कश्मीर के लोग जिन मुसीबतों में फंसे हैं, उनसे निकालने की दिशा में काम करे. लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ उमर को मैंडेट दिया है, ताकि वो उनके जख्म पर मरहम लगा सकें.
'बीजेपी ने एनसी की सत्ता आने में मदद की'
अवामी इत्तेहाद पार्टी के अध्यक्ष और सांसद शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद ने कहा, हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं और हमें उम्मीद है कि वे अपने वादे पूरे करेंगे. हम केंद्र से भी अनुरोध करते हैं कि सरकार उनका सहयोग करे. उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने, अनुच्छेद 370 और 35ए बहाली बात करते हैं. हालांकि उमर अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 के मसले पर भाग रहे हैं. जब पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाया था तो उससे 3 दिन पहले उन्होंने फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की थी. फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कुछ भी रद्द नहीं किया जा रहा है, लेकिन इसे रद्द कर दिया गया और फारूक और उमर अब्दुल्ला को एक गेस्ट हाउस में रखा गया. ऐसा लगता है कि फारूक और उमर अब्दुल्ला ने सभी के साथ चर्चा करने के बाद अनुच्छेद 370 को हटवा दिया. यह मैच फिक्सिंग था, इसमें कोई संदेह नहीं है कि बीजेपी ने एनसी को सत्ता में आने में मदद की.
जम्मू-कश्मीर के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने पर निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा ने कहा, मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई देता हूं कि उन्होंने एक स्थिर सरकार बनाई है. हमें लोगों की सेवा करनी है. मैं सीएम को भी बधाई देता हूं. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने जम्मू को उसका उचित हिस्सा दिया. हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार बड़ा दिल दिखाएगी और हमसे छीने गए अधिकार वापस करेगी.
जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, मैं उमर अब्दुल्ला को बधाई देता हूं जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के नए सीएम के रूप में शपथ ली है और उनके मंत्रिपरिषद को भी. मुझे उम्मीद है कि वे जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए काम करेंगे और जनता के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान भी करेंगे.
जम्मू-कश्मीर की मंत्री सकीना इटू ने कहा, बहुत सारे मुद्दे हैं. पिछले 10 वर्षों में लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए. लोगों ने इतनी बड़ी संख्या में मतदान करके उन अधिकारों को खुद ही वापस ले लिया. उनकी आवाज दबा दी गई थी. उनकी बात अनसुनी कर दी गई थी. कोई विकास नहीं हुआ था. बिजली, स्वास्थ्य क्षेत्र में बहुत सारी कठिनाइयां हैं. महंगाई और बेरोजगारी बढ़ गई है. यह अभी बहुत चुनौतीपूर्ण काम है क्योंकि लोगों को बहुत उम्मीदें हैं, उन अपेक्षाओं को पूरा करना है और जितना संभव हो सके लोगों के लिए काम करना है.