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LoC पर ले सकेंगे चाय-कॉफी का लुत्फ, उरी में सेना ने खोला कैफेटेरिया

भारतीय सेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल के पास उरी में कैफिटेरिया को फिर से शुरू किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से व्यापार शुरू होगा, ऐसे में इस रूट पर रुककर लोग लुत्फ ले सकेंगे.

मोटिवेशन टूर पर आए पर्यटक ले सकेंगे कैफेटेरिया का भी आनंद (तस्वीर- आज तक) मोटिवेशन टूर पर आए पर्यटक ले सकेंगे कैफेटेरिया का भी आनंद (तस्वीर- आज तक)
शुजा उल हक
  • उरी,
  • 18 मई 2021,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST
  • सीमा पर शांति बहाली से लोगों में जगी उम्मीद
  • भारत-पाक के बीच रिश्ते सामान्य होने के आसार
  • LoC पर कैफेटेरिया से खुश हैं लोग

भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर शांति बहाली की उम्मीद दिख रही है. लाइन ऑफ कंट्रोल के पास भारतीय सेना ने कैफेटेरिया की शुरुआत की है. कुछ महीने पहले तक कोई यहां ठहरने की सोच भी नहीं सकता था लेकिन अब स्थितियां ऐसी बन रही हैं कि लोग चाय-कॉफी का लुत्फ भारतीय सेना की इस लास्ट पोस्ट के नजदीक ले सकें.

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उरी में कमालकोट के रहने वाले एक काजी अहमद इस कैफे में बैठकर चाय पी रहे थे. बातों-बातों में उन्होंने जताया कि इस तरह के हालात के बारे में सोचना भी कुछ महीने पहले मुश्किल था. लगातार मोर्टार शेलिंग, फायरिंग और युद्ध जैसे हालात के बीच यहां स्थितियां बेहद तनावपूर्ण थीं. इस कैफे के पीछे मकसद यही है कि नागरिक यहां तक आ सकें और ग्राउंड पर देखें कि अब हालात पहले से अलग हैं.

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर फरवरी में समझौता हुआ है. दोनों देश सीजफायर का उल्लंघन नहीं करेंगे. अभी तक हालात सामान्य हैं तो ऐसे में भारतीय सेना ने यह नई पहल की है. भारत के सीमांत इलाके तक लोग जाकर कैफिटेरिया का आनंद ले सकें.

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यादें घर ले जाएंगे पर्यटक
भारतीय सेना के मेजर विशाल ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा, 'हमने कमान पोस्ट पर मोटिवेशनल पर्पज के लिए विजिट करने वाले जम्मू और कश्मीर के हर शख्स के लिए ये शॉप खोली है. ब्रिज पर सेल्फी लेने के बाद लोग यहां आकर ठहरकर, स्नैक्स खाकर, कुछ यादें घर ले जा सकते हैं.'

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कुछ महीने पहले तक यह लगातार हो रही थी गोलीबारी, अब शांति की जगी उम्मीद.


स्थानीय लोग भी सेना के इस पहल से खुश नजर आ रहे हैं. लोगों को अब दोनों देशों के बीच शांति की उम्मीद नजर आ रही है. उरी के ही रहने वाले काजी अहमद ने कहा, 'जब देश का बंटवारा हुआ तो वे लोग भी अलग हो गए, जो एक-दूसरे के बेहद करीब थे. ऐसे में लोग दोनों मुल्कों में शांति बहाली की उम्मीद रख रहे थे. इस कैफिटेरिया के खुलने के बाद ऐसा लग रहा है कि अच्छी शुरुआत हो रही है.'

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लोगों में जगी शांति बहाली की उम्मीद
कमान अमन सेतु पोस्ट नियंत्रण रेखा के पार जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बीच व्यापार के लिए अहम राह के तौर पर काम करता है. हालांकि 2019 से ही इस मार्ग पर यात्रा पर रोक है. जो व्यापारी इस क्षेत्र में सीधे तौर जुड़े थे, उनकी आजीविका इसका असर पड़ा है. एक अनुमान के मुताबिक 2,500 परिवार एलओसी के जरिए होने वाले व्यापार पर आश्रित थे. अब लोगों में उम्मीद जगी है कि व्यापार की शुरुआत फिर से हो सकती है.

धीरे-धीरे सीमा पर हालात हो रहे हैं सामान्य.


इंतजार में थे स्थानीय निवासी
7 अप्रैल 2005 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कारवां-ए-अमन की शुरुआत की थी, जिसका मकसद एलओसी के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच बस सेवा की शुरुआत थी. यह श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम से लेकर मुजफ्फराबाद तक का सफर तय करती थी. 2019 में इसे रोक दिया गया था. अवैध हथियार, ड्रग्स की तस्करी और नकली नोटों के प्रचलन के बाद इसे रोकने का फैसला गृह मंत्रालय ने किया था. लगातार सीजफायर, अशांति के बाद अब ऐसे आसार हैं कि सीमा पर शांति बनी रहेगी, जिसकी उम्मीद में स्थानीय लोग बरसों से थे.

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