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आतंकियों से लेकर नक्सलियों तक का किया खात्मा... जानें कौन हैं जम्मू-कश्मीर के नए DGP नलिन प्रभात

आईपीएस प्रभात का करियर बहुत शानदार रहा है और उन्हें कई सम्मान मिले हैं, जिनमें तीन पुलिस वीरता पदक और पराक्रम पदक शामिल हैं. 55 वर्षीय प्रभात के पास आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है. उन्होंने पहले आंध्र प्रदेश में एक अत्यधिक विशिष्ट नक्सल विरोधी यूनिट ग्रेहाउंड्स का नेतृत्व किया था.

आईपीएस नलिन प्रभात को जम्मू-कश्मीर का नया डीजीपी बनाया गया है (फाइल फोटो) आईपीएस नलिन प्रभात को जम्मू-कश्मीर का नया डीजीपी बनाया गया है (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

उच्च पदस्थ आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात को तत्काल प्रभाव से जम्मू-कश्मीर पुलिस का विशेष महानिदेशक (Special DG) नियुक्त किया गया है. वे 30 सितंबर को आर.आर स्वैन की सेवानिवृत्ति के बाद बल के प्रमुख की भूमिका संभालेंगे. गृह मंत्रालय ने प्रभात की नियुक्ति की पुष्टि करते हुए एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि वे स्वैन के जाने के बाद कार्यभार संभालेंगे.

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आदेश में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश कैडर के 1992 बैच के आईपीएस प्रभात को तत्काल प्रभाव से जम्मू-कश्मीर भेजा जाता है और 30 सितंबर को स्वैन की रिटायरमेंट के बाद प्रभात को जम्मू-कश्मीर का डीजीपी नियुक्त किया जाता है. 

बता दें कि प्रभात का करियर बहुत शानदार रहा है और उन्हें कई सम्मान मिले हैं, जिनमें तीन पुलिस वीरता पदक और पराक्रम पदक शामिल हैं. 55 वर्षीय प्रभात के पास आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है. उन्होंने पहले आंध्र प्रदेश में एक अत्यधिक विशिष्ट नक्सल विरोधी यूनिट ग्रेहाउंड्स का नेतृत्व किया था.

पीटीआई के मुताबिक आईपीएस नलिन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की जिम्मेदारी संभालते हुए कश्मीर क्षेत्र में ऑपरेशन के महानिरीक्षक और अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में भी काम कर चुके हैं. हाल ही में प्रशासनिक फेरबदल के हिस्से के रूप में सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक के रूप में उनके कार्यकाल को कम कर दिया था और उन्हें तीन साल की शुरुआती अवधि के लिए आंध्र प्रदेश से केंद्र शासित प्रदेश कैडर (एजीएमयूटी) में उनकी अंतर-कैडर प्रतिनियुक्ति की सुविधा प्रदान की.

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जम्मू और कश्मीर में आईपीएस प्रभात का व्यापक अनुभव है. इसके चलते वह इस क्षेत्र की चुनौतियों से वाकिफ हैं. क्षेत्र में उन्हें पिछले कार्यभार के कारण जटिल सुरक्षा परिदृश्य की गहरी समझ है, जिसमें आतंकवाद और आंतरिक अशांति से चल रहे खतरे शामिल हैं. पर्यवेक्षकों का सुझाव है कि प्रभात की विशेषज्ञता इस राजनीतिक रूप से संवेदनशील अवधि के दौरान क्षेत्र की सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण हो सकती है.

जानकारों की मानें तो दो बार वीरता के लिए पुलिस पदक सहित उनके कई पुरस्कार उच्च-दांव वाले सुरक्षा वातावरण में उनकी प्रतिबद्धता और प्रभावशीलता के प्रमाण हैं. जम्मू और कश्मीर के डीजीपी के रूप में प्रभात की नियुक्ति से क्षेत्र के कानून प्रवर्तन में एक रणनीतिक दृष्टिकोण आने की उम्मीद है, इस उम्मीद के साथ कि उनका नेतृत्व भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से एक में शांति और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देगा.

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