
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने और ऑपरेशन ऑल आउट के चलते आतंकवाद की कमर टूट चुकी है. इससे आतंकी संगठन बौखलाए हुए हैं. सुरक्षाबलों के साथ ही आम नागरिकों को निशाना बनाकर अपनी मौजूदगी दिखाने की लगातार साजिशें कर रहे हैं. हालांकि, खुफिया एजेंसियों के इनपुट और सुरक्षाबलों की सतर्कता के चलते आतंकी सगंठनों के मंसूबे कामयाब नहीं हो रहे हैं. इसी के चलते अब आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने बड़ी साजिश रची है.
अशरफ गनी सरकार को गिराने में शामिल था उमर सुलेमानी
कभी आतंकियों के गढ़ रहे दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले में जैश-ए-मोहम्मद ने तालिबान प्रशिक्षित आतंकी कमांडर को भेजा है. वो कुछ महीने पहले ही यहां आकर आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हुआ है. सूत्रों का कहना है कि उमर सुलेमानी नाम का ये आतंकी कमांडर अफगानिस्तान में तालिबान के साथ मिलकर अशरफ गनी सरकार को गिराने में शामिल था.
तालिबान के सत्ता में काबिज होने के बाद पाकिस्तान लौटा था
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में काबिज होने के बाद वो पाकिस्तान लौटा था. जिसे जैश-ए-मोहम्मद ने घुसपैठ कराकर जम्मू-कश्मीर में दाखिल किया है. इस बात का खुलासा कुछ दिन पहले तब हुआ था जब कुलगाम जिले से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के एक ग्रुप को पकड़ा था.
जैश-ए-मोहम्मद के इस कमांडर की तलाश में जुटीं सुरक्षा एजेंसियां
जिसने पूछताछ के दौरान इस आतंकी कमांडर के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को जानकारियां मिली. पुलिस का भी कहना है कि उमर सुलेमानी कुलगाम जिले में सक्रिय है. वो युवाओं को जैश-ए-मोहम्मद में शामिल कर रहा है. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां जैश-ए-मोहम्मद के इस कमांडर की तलाश में जुटी हैं.