
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आंतकवादियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन अब पूरे हो चुके हैं. 24 घंटे से अधिक चले ये ऑपरेशन छह आतंकियों की मौत के साथ पूरे हुए. सेना ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में दोनों अभियानों में 6 आतंकवादियों को मार गिराया.
दो जवान शहीद, मारे गए छह आतंकी
पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की है कि सभी आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से थे और कुलगाम और शोपियां जिलों के मूल निवासी थे. मुठभेड़ स्थलों से बड़ी मात्रा में हथियार और गोलियां बरामद किए गए हैं. सेना ने इन मुठभेड़ों में दो जवानों को खो दिया.
इससे पहले मोदरगाम, कुलगाम के एक बाग में बने ठिकाने में दो से तीन आतंकवादियों के छिपे होने की खबर थी. वहीं चिनिगाम फ्रिसल में एक और आतंकवादी के छिपे होने की संभावना जताई गई थी. आतंकवादियों के खिलाफ ये अभियान ऐसे दिन चले जब खराब मौसम के कारण अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है.
दो जगहों पर हुई मुठभेड़
पहली मुठभेड़ मोदरगाम गांव में हुई, जहां पैरा कमांडो लांस नायक प्रदीप नैन कार्रवाई में शहीद हो गए. सुरक्षा बलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान शुरू किया और कम से कम दो से तीन आतंकवादियों को उनके ठिकाने पर घेर लिया.
वहीं दूसरी मुठभेड़ फ्रिसल चिनिगाम गांव में हुई, जब सुरक्षा बलों को इलाके में संभावित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के बारे में सूचना मिली. ऑपरेशन के दौरान प्रथम राष्ट्रीय राइफल्स के हवलदार राज कुमार शहीद हो गए.
आतंकवादियों ने शुरू की फायरिंग
गांव पहुंचने पर, एक घर में छिपे आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर अचानक से गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. दोनों जगहों पर भीषण गोलीबारी हुई. बता दें कि पिछले महीने ही पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट के दो टॉप कमांडर पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान एक घर में फंस गए थे.