
जम्मू और कश्मीर में 4 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित मेडिकल बीमा योजना को रद्द कर दिया गया है. महज एक महीने पहले शुरू हुई यह योजना भ्रष्टाचार का शिकार हो गई है. रिलायंस कंपनी को मिले इसके ठेके में प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को धांधली होने की आशंका है. इसे देखते हुए बुधवार को यह योजना रद्द करने का फैसला किया गया.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रिलायंस कंपनी को दिए गए ठेके में बड़ी अनियमितताएं पाई गई हैं. राज्यपाल ने इस मुद्दे को काफी गंभीरता से लिया है. अगले एक-दो दिन में प्रदेश सरकार की ओर से बीमा योजना रद्द करने का ऐलान कर दिया जाएगा.
बीते 26 सितंबर को जम्मू और कश्मीर सरकार के वित्त विभाग ने ग्रुप मेडिक्लेम इंस्योरेंस पॉलिसी (जीएमआईपी) के तहत इस बीमा योजना की शुरुआत की थी. इसमें मौजूदा कर्मचारियों के अलावा पेशन धारकों और पत्रकारों के लिए भी बीमा की सुविधा उपलब्ध थी लेकिन इसमें धांधली उजागर होने के बाद इसे रोकने का फैसला किया गया है.
इस योजना की शुरुआत पर सरकार ने कहा था कि हर प्रकार के मापदंडों को देख-परख कर और निष्पक्षता के साथ इसे शुरू किया जा रहा है. प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने विपक्ष के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था जिसमें रिलायंस को ठेका देने में धांधली होने की बात कही गई थी.
पूर्व में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बीमा योजना का ठेका अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस को दिए जाने पर हमले कर चुके हैं. गांधी ने कहा था कि अब 4 लाख कर्मचारियों को इस कंपनी से जबर्दस्ती बीमा लेने को कहा जाएगा. राहुल गांधी के आरोपों को नकारते हुए जम्मू और कश्मीर सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि हर तरह की जांच कर बिल्कुल निष्पक्ष तरीके से ठेका दिया गया है, इसलिए इसमें गड़बड़ी की कोई बात नहीं. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कंपनी को ठेका दिए जाने से पहले मुख्य सतर्कता आयुक्त के निर्देशों का पूरा-पूरा पालन किया गया.