
जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव हो रहे हैं. प्रदेश के हर कोने में लोगों ने आतंकी फरमानों को नकारते हुए बड़े स्तर पर वोटिंग की है. अभी और भी कई चरण में मतदान होने हैं. इस बीच एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है जिसमें आतंकी पंचायत उम्मीदवारों की आंखों में एसिड डालकर लोगों में दहशत पैदा करने की योजना बना रहे हैं.
ऑडियो क्लिप हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर रियाज निक्कू और दक्षिण कश्मीर जिले का उसका गुर्गा कमांडर अब्बास के बीच बातचीत पर आधारित है. क्लिप में अब्बास से रियाज निक्कू से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जिन उम्मीदवारों ने जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव लड़ा है, उनकी आंखों में एसिड डालकर उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
ऑडियो क्लिप में रियाज निक्कू को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि 'ये (उम्मीदवार) ऐसे लोग हैं जो कश्मीर और उनके बलिदान को धोखा दे रहे हैं. पहले तो इन्होंने धोखा दिया अब यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि इनका नामांकन किसी और ने भर दिया. क्या यह संभव है कि किसी और का कोई नामांकन भर दे क्योंकि इसमें तो आधार कार्ड, टीआरसी, जन्मतिथि और हलफनामा भी दायर करना होता है.'
ऑडियो क्लिप कश्मीरी बोली में हैं जिसमें हिज्बुल कमांडर रियाज निक्कू कह रहा है, 'ये उम्मीदवार बेगुनाह नहीं हैं. क्या इन्हें पता नहीं है कि वादी में पंचों और सरपंचों की पूर्व में क्यों हत्याएं हुईं. हम इन्हें पिछले 30 साल से माफ कर रहे हैं. लगातार इन्हें चेतावनी भी देते रहे हैं. अब इन्हें मारने की जरूरत नहीं, बल्कि इनकी आंखों में एसिड डाल देना चाहिए. एसिड डालकर इन्हें अंधा बना देना चाहिए. इनके हाथ काटकर हमेशा के लिए विकलांग कर देना चाहिए. इन बूढ़े उम्मीदवारों के घरवाले चुनाव लड़ने के लिए इसलिए उकसाते हैं क्योंकि पूरे परिवार का इनसे खर्चा चलता है. अगर इन उम्मीदवारों को मार भी दिया जाए तो घरवालों को इससे कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि सरकार इन्हें मुआवजा देगी, इसलिए मारने से ज्यादा सही इन्हें अंधा बना देना चाहिए. तभी इन्हें सबक मिल पाएगा.'
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव हो रहे हैं. आतंकी फरमानों के बावजूद बड़ी संख्या में लोग वोट देने निकल रहे हैं. इससे आतंकी बौखला गए हैं और उन्होंने लोगों में दहशत पैदा करने के लिए कई हथकंडे अपनाए हैं. पंचायत घरों को जलाने से लेकर पंच और सरपंच उम्मीदवारों की हत्याएं भी इसमें शामिल हैं.