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जम्मू-कश्मीर के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने PM मोदी से मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर की तस्वीर बदलने के लिए जनभागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया. साथ ही आम लोगों की आवाज उठाने वाले प्रशासन की आवश्यकता पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रतिनिधिमंडल के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रतिनिधिमंडल के सदस्य
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 8:05 AM IST

  • PM मोदी बोले- जम्मू-कश्मीर की तस्वीर बदलने के लिए बढ़े जनभागीदारी
  • सूबे के पूर्व CM फारूक अब्दुल्ला की शुक्रवार को खत्म हुई थी नजरबंदी

जम्मू-कश्मीर की अपनी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. यह प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर की अपनी पार्टी के चीफ अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व में दिल्ली पहुंचा था. इस प्रतिनिधिमंडल में 24 सदस्य शामिल रहे. पीएम मोदी ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर मुलाकात की.

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इस दौरान पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर की तस्वीर बदलने के लिए जनभागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया. साथ ही आम लोगों की आवाज उठाने वाले प्रशासन की आवश्यकता पर जोर दिया. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पूर्व नेता अल्ताफ बुखारी और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री हैं. उन्होंने आठ मार्च को ही अपनी पार्टी का गठन किया था.

नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी खत्म किए जाने के बाद के एक दिन बाद यह मुलाकात सामने आई है. शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी खत्म की थी.

फारूक अब्दुल्ला ने अपनी रिहाई के बाद शनिवार को श्रीनगर के हरि निवास में अपने बेटे और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की. यह पहली बार है, जब पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद फारूक अब्दुल्ला की अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से मुलाकात हुई है.

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जब शनिवार को फारूक अब्दुल्ला अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से मिलने पहुंचे, तो उनके साथ उनकी बेटी साफिया और उसके दो बेटे भी साथ थे. फारूक अब्दुल्ला की बेटी साफिया अब्दुल्ला ने कहा, ‘वो आज हरि निवास में उमर से मुलाकात करने आए हैं. यह परिवार की प्रस्तावित बैठक थी. फारूक अब्दुल्ला की रिहाई से परिवार को सुकून मिला है और परिवार अब उमर अब्दुल्ला की रिहाई की मांग कर रहा है.’

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उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे और उनके पिता की कैटरेक्ट की सर्जरी को देखते हुए मिलने आने वालों की संख्या को सीमित किया गया है. आपको बता दें कि शुक्रवार को रिहाई के तत्काल बाद फारूक ने अपने पिता शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के कब्र पर जाकर उनको श्रद्धांजलि दी थी. फारूक अब्दुल्ला के छोटे भाई मुस्तफा कमाल, बड़ी बहन खालिदा और उनके बेटे मुजफ्फर भी उमर से मुलाकात करने उनके आवास आए थे.

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