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अनंतनाग एनकाउंटर में कर्नल, मेजर और DSP शहीद... आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन तेज

जम्मू-कश्मीर से बुधवार को एक ऐसी खबर आई, जिसने पूरे देश को गमगीन कर दिया. अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन सपूत शहीद हो गए. आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर उस वक्त गोली चला दी, जब वे सर्च ऑपरेशन चला रहे थे. इस हमले में वह घायल हो गए. उन्हें इलाज के लिए आनन-फानन में एयरलिफ्ट किया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, बटालियन कमांडिंग मेजर आशीष धोनैक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट की शहादत से पूरा पूरा देश स्तब्ध है.

 आतंकियों से हुई मुठभेड़ में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और J-K पुलिस के DSP हुमायूं भट शहीद हो गए. (फाइल फोटो) आतंकियों से हुई मुठभेड़ में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और J-K पुलिस के DSP हुमायूं भट शहीद हो गए. (फाइल फोटो)
सुनील जी भट्ट/अशरफ वानी/मंजीत नेगी/कमलजीत संधू
  • श्रीनगर,
  • 13 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:00 AM IST

जम्म-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकोरेनाग इलाके के ऊंचे इलाकों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, बटालियन कमांडिंग मेजर आशीष धोनैक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट शहीद हो गए. हमारे वीर सपूतों की शहादत से पूरा देश गमगीन है. अनंतनाग में सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोली चला दी. सेना और पुलिस अब दोनों पाकिस्तानी आतंकवादियों के सफाए के लिए ऑपरेशन चला रही है, जो उनके मारे जाने तक जारी रहेगा. हालांकि मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए हैं. 

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जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और राजौरी में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. पाकिस्तान से आए आतंकवादियों की ओर से होने वाले इस दुस्साहस ने एक बार फिर याद दिलाया कि घाटी से आतंक का सफाया अभी बाकी है. बता दें कि मंगलवार और बुधवार रात खुफिया जानकारी मिलने के बाद इस ऑपरेशन को शुरू किया गया था. सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू करते ही आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी. दोपहर 1 बजे तक सेना के ऑफिसर के जख्मी होने की खबर आई गई थी. 

आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर ऐसे की फायरिंग

अधिकारी ने बताया कि पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम ने अनंतनाग के कोकरनाग के हलूरा गंडूल इलाके में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया. जैसे ही संयुक्त टीम संदिग्ध स्थान की ओर बढ़ी. सुरक्षाबल के अधिकारी उस स्थान पर चढ़ गए, जहां 2-3 आतंकवादियों के छिपने की सूचना मिली थी, लेकिन जैसे-जैसे वे ऊपर चढ़े, तो वहां पहले से छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी. जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई. गोलीबारी के दौरान सेना के एक अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी को गोली लग गई. आनन-फानन में हेलिकॉप्टर से एनकाउंटर में घायल अफसरों को एयरलिफ्ट किया गया. बताया जाता है कि हमला करने वाले आतंकवादी पाकिस्तानी हैं.

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कर्नल मनप्रीत सिंह कर रहे थे टीम को लीड

इलाके में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन मंगलवार शाम को शुरू हुआ था, लेकिन रात में इसे बंद कर दिया गया. अधिकारियों ने कहा कि बुधवार की सुबह आतंकवादियों की तलाश तब फिर से शुरू हुई, जब सूचना मिलने लगी कि उन्हें एक ठिकाने पर देखा गया है. कर्नल मनप्रीत सिंह ने आगे से अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए आतंकियों पर हमला बोल दिया. हालांकि, आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी की और वो गंभीर रूप से घायल हो गए.

पूर्व जनरल वीके सिंह ने जताया दुख

पूर्व जनरल वीके सिंह ने ट्वीट किया कि भारतीय सेना मेडल से सम्मानित कर्नल मनप्रीत सिंह कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए. इस दुखद खबर से देश स्तब्ध है. शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की शहादत को नमन करते हुए ईश्वर से उनके परिजनो को इस कठिन समय में सम्बल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं. अनंतनाग में आतंकियों की इस हिमाकत ने सरकार और सेना को याद दिलाया है कि घाटी में भले ही वो आतंक का फन कुचलने में कामयाब हो गए हों, लेकिन उसका पूरा सफाया करना अभी बाकी है.

मेजर आशीष को इसी साल किया जाना था सम्मानित

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बता दें कि इसी साल मेजर आशीष को सेना मेडल से सम्मानित किया जाना था. लेकिन उनके सीने पर मेडल लगता, उससे पहले ही वो शहीद हो गए. सेना के लिए कितनी बड़ी क्षति है, उसे आप भारतीय सेना के पदक्रम से समझ सकते हैं. 

सेना में ये है अफसर रैंक का क्रम

फील्ड मार्शल
जनरल
लेफ्टिनेंट जनरल
मेजर जनरल
ब्रिगेडियर
कर्नल 
लेफ्टिनेंट कर्नल
मेजर
कैप्टन
लेफ्टिनेंट

कमांडिंग ऑफिसर भी थे कर्नल मनप्रीत सिंह

कर्नल मनप्रीत सिंह कमांडिंग ऑफिसर भी थे, इनके हवाले राष्ट्रीय रायफल्स की यूनिट थी. कर्नल मनप्रीत सिंह की शहादत से देश स्तब्ध है. आतंकवादी इतनी बड़ी रैंक के अफसर को शहीद कर सकते हैं, ये उम्मीद से परे है. अब सवाल ये है कि आतंकवादी इतना बड़ा हमला करने में कामयाब कैसे हो गए? दरअसल, घाटी में आतंकवाद दम तोड़ रहा है. G20 की बैठक आयोजित करके घाटी के हालात बदलने का संदेश सारी दुनिया में जा चुका है, देश दुनिया से सैलानी भारत आ रहे हैं. जिसने पाकिस्तान को परेशान कर दिया है. इसलिए उसके इशारे पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है.

जम्मू-कश्मीर की तरक्की से पाकिस्तान परेशान

नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि सबसे बड़ी बात ये है कि बेहतर आंतरिक हालात (सुरक्षा हालात) के बावजूद पाकिस्तान अपनी तरफ से आतंकियों को यहां भेजने की कोशिश कर रहा है, ताकि वे किसी तरह की बाधा पैदा कर सकें. पाकिस्तान की इस बैखलाहट की वजह भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर में किए जा रहे विकास कार्य हैं. हमारी कोशिश है कि इस साल 2.25 करोड़ पर्यटक यहां आएं, लेकिन पाकिस्तान तरक्की की इस यात्रा को रोकने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे.

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पंचकूला के रहने वाले थे कर्नल मनप्रीत सिंह

जम्मू कश्मीर में शहीद हुए पंचकूला के कर्नल मनप्रीत सिंह पंचकूला के सेक्टर 26 के निवासी थे.पंचकूला स्थित उनके आवास पर उनकी धर्मपत्नी जगमीत ग्रेवाल, बहन और जीजा मौजूद हैं. धर्मपत्नी जगमीत ग्रेवाल को अभी तक कर्नल मनप्रीत की शहादत की जानकारी नहीं दी गई है. उनकी पत्नी को अभी इतना ही बताया गया है कि वह घायल हुए हैं. 

पानीपत के रहने वाले हैं मेजर आशीष, 2 साल पहले हुई थी J-K पोस्टिंग

अनंतनाग में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद होने वाले मेजर आशीष धोनैक हरियाण के पानीपत के रहने वाले थे. मेजर आशीष मूल रूप से गांव (पानीपत) बिंझौल के रहने वाले थे. हाल ही में मेजर आशीष का परिवार पानीपत के सेक्टर-7 में रहता है. जवान की शहादत के बाद परिवार में मातम का माहौल है. उनके घर पर पड़ोसी और रिश्तेदारों का पहुंचना शुरू हो गया है. आशीष धोनैक तीन बहनों में इकलौते भाई थे. मेजर आशीष की 2 साल पहले ही मेरठ से जम्मू में पोस्टिंग हुई थी. मेजर आशीष 2 साल की बेटी के पिता हैं.
 

DSP हुमायूं भट की 2 महीने की बेटी है

अधिकारियों ने बताया कि डीएसपी हुमायूं भट की 2 महीने की बेटी है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के रिटायर्ड आईजी गुलाम हसन भट के बेटे हुमायूं भट को बहुत ज्यादा खून बहने की वजह से बचाया नहीं जा सका.

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जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद DSP हुमायूं भट को श्रद्धांजलि अर्पित करते उनके पिता रिटायर्ड आईजी गुलाम हसन भट

कौन हैं घाटी में छिपे दोनों आतंकी

अनंतनाग में हमला करने वाले दोनों आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने घेर लिया है. दोनों पाकिस्तानी मूल के आतंकी हैं. एक द रसिस्टेंस फ्रंट का कमांडर बाशित डार है, तो दूसरा लश्कर-ए-तैय्यबा का आतंकी यूज़ेर है. जिन्हें ढेर करने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन छेड़ दिया है.

ये है आतंकियों की बौखलाहट की वजह?

दिसंबर 2021 से अगस्त 2023 के बीच घाटी के सभी बड़े आतंकवादी संगठनों के टॉप कमांडर ढेर हो चुके हैं. जिसमें हिजबुल का डिवीजनल कमांडर मुनीर हुसैन, लश्कर-ए-तैय्यबा का कमांडर मुख्तार भट, लश्कर कमांडर यूसुफ कांत्रू, जैश ए मोहम्मद का टॉप कमांडर जाहिद वानी, हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर फिरोज अहमद डार शामिल हैं. इसी बात से पाकिस्तान और आतंकवादी संगठन बौखलाए हुए हैं और सुरक्षा बलों पर पलटवार के लिए उतावले हैं. जिसके नतीजे के तौर पर वो घात लगाकर हमला कर रहे हैं....जिसमें इसी साल 20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में राष्ट्रीय रायफल्स के जवानों के ट्रक पर घात लगाकर हमला किया जाना शामिल है. जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे. आतंकवादियों ने सेना की गाड़ी पर असॉल्ट राइफल और ग्रेनेड से हमला किया था.

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