
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में छिपे आतंकियों को ढेर करने के लिए सेना और पुलिस की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही थी. इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी, इस मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, बटालियन कमांडर मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत कई नेताओं ने शहीद अफसरों को श्रद्धांजलि दी है. इन तीनों शहीद अफसरों की शादी हो चुकी थी और उनके बच्चे भी हैं.
जम्मू कश्मीर में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह पंचकूला के सेक्टर 26 के रहने वाले थे. पंचकूला स्थित उनके घर पर उनकी पत्नी जगमीत ग्रेवाल के साथ बहन और जीजा मौजूद हैं. जगमीत ग्रेवाल को कर्नल मनप्रीत की शहादत के बारे में नहीं बताया गया था. उन्हें बस इतना ही बताया गया कि वह घायल हुए हैं.
कर्नल मनप्रीत की पत्नी जगमीत ग्रेवाल हरियाणा के सरकारी स्कूल में लेक्चरर हैं. उनके दो बच्चे भी हैं. एक बेटा, जिसकी उम्र छह साल और बेटी की उम्र दो साल है. कर्नल मनप्रीत ग्रेवाल के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार आज किया जाएगा.
कर्नल मनप्रीत सिंह कर रहे थे टीम को लीड
इस ऑपरेशन को कर्नल मनप्रीत सिंह ही लीड कर रहे थे. उन्होंने टीम का नेतृत्व करते हुए आतंकियों पर हमला बोल दिया था. हालांकि, आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी की और वो गंभीर रूप से घायल हो गए. कर्नल मनप्रीत सिंह कमांडिंग ऑफिसर भी थे, इनके हवाले राष्ट्रीय रायफल्स की यूनिट थी.
अनंतनाग एनकाउंटर में कर्नल, मेजर और DSP शहीद... आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन तेज
2 साल की बेटी के पिता हैं मेजर आशीष
अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद होने वाले मेजर आशीष धोनैक हरियाण के पानीपत जिले के रहने वाले थे. मेजर आशीष मूल रूप से बिंझौल गांव के रहने वाले थे. हालांकि अभी उनका परिवार पानीपत के सेक्टर-7 में रहता है. आशीष धोनैक तीन बहनों में इकलौते भाई थे. मेजर आशीष की 2 साल पहले ही मेरठ से जम्मू में पोस्टिंग हुई थी. वह 2 साल की बेटी के पिता हैं. बता दें कि इसी साल मेजर आशीष को सेना मेडल से सम्मानित किया गया था.
दो महीने की बेटी, पिता भी आईजी से रिटायर्ड
अधिकारियों ने बताया कि डीएसपी हुमायूं भट की 2 महीने की बेटी है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के रिटायर्ड आईजी गुलाम हसन भट के बेटे हुमायूं भट को बहुत ज्यादा खून बहने की वजह से बचाया नहीं जा सका. जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से बताया गया कि डीएसपी हुमायूं भट के पिता गुलाम हसन भट भी पुलिस में रह चुके हैं. वह आईजी की पोस्ट से रिटायर हुए थे.
डीएसपी हुमायूं का भट के शव को बडगाम के हुम्हामा में बुधवार देर रात सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. हालांकि वह पुलवामा जिले के रहने वाले थे, लेकिन काफी समय से हुम्हामा में रह रहे थे.
अधिकारी ने बताया कि पुलिस और सेना की टीम ने मंगलवार शाम को कोकरनाग के हलूरा गंडूल इलाके में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू हुआ था, लेकिन रात में इसे बंद कर दिया गया. उसके बाद बुधवार को सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर लिया. जैसे ही सुरक्षाबल के अधिकारी उस जगह पर पहुंचे, जहां आतंकी छिपे हुए थे तो उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. इस दौरान सेना के एक अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी को गोली लग गई. आनन-फानन में घायल अफसरों हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया, लेकिन इन अधिकारियों को बचाया नहीं जा सका.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शहीद अफसरों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने लिखा, "अनंतनाग में आतंकवाद विरोधी अभियान में अपने प्राणों की आहुति देने वाले जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट को श्रद्धांजलि दी. मैं कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धोनैक के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता हूं. दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा है."
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने भी शहीद अफसरों को श्रद्धांजलि दी. डीजीपी ने अपने मैसेज में कहा कि वह कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के रिटायर्ड आईजी गुलाम हसन भट के बेटे डीएसपी हुमायूं भट की शहादत पर दुखी हैं. डीजीपी ने कहा कि अपराधियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.